अमरावती के चांदूरबाजार में भारी बारिश, सोयाबीन और तूर की फसल बाढ़ में डूबी, किसानों ने लगाई गुहार

अमरावती के चांदूरबाजार में भारी बारिश, सोयाबीन और तूर की फसल बाढ़ में डूबी, किसानों ने लगाई गुहार

Amravati Flood News: महाराष्ट्र के अमरावती जिले के चांदूरबाजार तालुका में बादल फटने जैसी बारिश से माधान गांव में बाढ़ आ गई. खेतों में पानी भरने से सोयाबीन, तूर और अन्य फसलें डूब गईं है. वहीं, कई घरों में पानी घुस गया और ग्रामीण को छतों पर शरण लेने को मजबूर होना पड़ा. स्‍थानीय लोगों और किसानों ने राहत देने की मांग की है.

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अमरावती के चांदूरबाजार में भारी बारिश, सोयाबीन और तूर की फसल बाढ़ में डूबी, किसानों ने लगाई गुहारबाढ़ से बचने के लिए छतों पर चढ़े लोग

देश के कई हिस्‍सों में एक्टिव मॉनसून के बीच भारी बारिश और खासकर पहाड़ी राज्‍यों में बादल फटने की घटनाओं से आपदा की भयानक तस्‍वीरें सामने आ रही हैं. इस बीच, ऐसा ही कुछ महराष्‍ट्र के अमरावती जिले में भी हुआ. यहां जिले की चांदूरबाजार तालुका में शाम करीब 5 बजे हुई बादल फटने जैसी भीषण बारिश ने माधान गांव को बाढ़ ने चपेट में ले लिया. कुछ ही घंटों में गांव की गलियां और रास्ते दरिया बन गए, कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जबकि खेतों में कमर तक पानी भर जाने से किसानों की फसलें तबाह होने का खतरा मंडरा रहा है. 

पूरी तरह पानी में डूबी फसलें

हालात इतने बिगड़ गए कि दर्जनों ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए घरों की छत पर शरण लेनी पड़ी. गांव में पिछले छह दिनों से लगातार बारिश हो रही थी, लेकिन मंगलवार शाम की इस अचानक हुई मूसलधार बारिश ने हालात गंभीर कर दिए. खेतों में खड़ी सोयाबीन, तूर और अन्य खरीफ फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गईं. किसानों का कहना है कि अगर पानी जल्द नहीं उतरा तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी, जिससे आर्थिक संकट गहराएगा.

किसानों को किया गया रेस्‍क्‍यू

जिला आपत्ति‍ व्यवस्थापन विभाग को सूचना मिलते ही अमरावती के आपत्ति‍ व्यवस्थापन अधिकारी सुरेंद्र रामेकर के निर्देश पर पांच सदस्यीय रेस्क्यू दल तुरंत घटनास्थल पर रवाना हुआ. रेस्क्यू टीम ने छतों और खेतों में फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. कुछ किसान जो खेतों में काम कर रहे थे, उन्हें नालों में अचानक आए तेज बहाव से बाहर निकालने के लिए विशेष प्रयास करना पड़ा.

गांव में बाढ़ से दहशत में लोग

गांव में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण लोगों में दहशत का माहौल है. स्थानीय लोगों ने सरकार से तुरंत राहत और मुआवजा देने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने स्थायी उपाय नहीं किए तो इस तरह की आपदा हर साल उनकी जान और रोज़गार को खतरे में डालती रहेगी.

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