भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार में थोक खरीदारों को गेहूं की बिक्री करने से घरेलू बाजार में गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है. वहीं भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ई-नीलामी के चौथे दौर में 5.40 लाख टन गेहूं बेचने में सफल रहा है. हालांकि, पिछली नीलामी से औसत बिक्री मूल्य में 22 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, जो सरकार को अपनी बिक्री योजना को फिर से तैयार करने के लिए मजबूर कर सकती है.
खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “गेहूं और आटे की कीमत को नियंत्रित करने के लिए बाजार के हस्तक्षेप की दिशा में सरकार की पहल के तहत, खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री के लिए ई-नीलामी का चौथा दौर एक मार्च यानी बुधवार को आयोजित किया गया था. जिसमें कुल 11.57 लाख टन गेहूं की पेशकश की गई और 23 राज्यों में 1,049 व्यापारियों/मिलर्स को 5.40 लाख टन बेचा गया.
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अखिल भारतीय भारित औसत बिक्री मूल्य ई-नीलामी के चौथे दौर में 2,193.82 रुपये प्रति क्विंटल, तीसरे दौर में 2,172.08 रुपये, दूसरे दौर में 2,338.01 रुपये और पहले दौर में 2,474 रुपये था. वहीं सरकार पहले खुदरा बाजारों में बिक्री कीमतों में लगातार गिरावट की उम्मीद कर रही थी.
50 लाख टन गेहूं में से एफसीआई (FCI) को 15 मार्च तक व्यापारियों/मिलर्स को ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत कुल 45 लाख टन बेचने को कहा गया है. वही मंत्रालय ने कहा, बुधवार की नीलामी के बाद, ओएमएसएस के तहत बेचा गया स्टॉक गेहूं 45 लाख टन के कुल आवंटन के मुकाबले 23.47 लाख टन हो गया है. इसके अलावा, 28 फरवरी तक 14.35 लाख टन पहले ही उठा लिया गया है. बिक्री ने पूरे देश में गेहूं और आटे की कीमत प्रभाव डाला है, जो ओएमएसएस के तहत गेहूं की खुली बिक्री के लिए भविष्य की टेंडर के साथ स्थिर रहने की संभावना है.
एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक मीणा ने 23 फरवरी को कहा था कि गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है और अप्रैल से शुरू होने वाले मार्केटिंग सीजन 2023-24 में सरकार की खरीद 300-400 लाख टन "सामान्य" होगी. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि एक अप्रैल तक, एफसीआई के पास गेहूं का स्टॉक 113 लाख टन होने की संभावना है, और अगर ओएमएसएस के तहत पूरे 50 लाख टन को बेच दिया जाता है, तो शुरुआती स्टॉक 93 लाख टन होगा. एक अप्रैल, 2023 के लिए बफर आवश्यकता 74 लाख टन है.
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वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के निदेशक ए के सिंह ने 23 फरवरी को कहा था कि अब तक तापमान के पूर्वानुमान के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है. भले ही फरवरी गर्म रहा हो, गेहूं पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि इस अवधि के दौरान फसल फूलने की अवस्था में रहती है, उन्होंने कहा, मध्य मार्च तक असमान्य रुप से रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की स्थिति की संभावना कम है. उन्होंने कहा कि दैनिक औसत तापमान 32 डिग्री सेल्सियस को पार करने की उम्मीद नहीं है. वहीं कृषि मंत्रालय ने चालू फसल वर्ष (जुलाई 2022-जून 2023) में गेहूं के रिकॉर्ड 112.18 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान लगाया है.
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