प्राकृतिक खेती के लिए मिल रही भारी सब्सिडी, इन जिलों के 37 हजार किसानों ने लपका मौका

प्राकृतिक खेती के लिए मिल रही भारी सब्सिडी, इन जिलों के 37 हजार किसानों ने लपका मौका

हिमाचल में प्राकृतिक खेती शुरू करने पर किसानों को बढ़‍िया सब्सिडी मिल रही है. जिसके चलते किसान इसे अपना रहे हैं. हाल ही में दो जिलों से किसानों के प्राृतिक खेती से जुड़ने के आंकड़े सामने आए हैं, 37,000 किसानों ने फायदे के चलते प्राकृतिक खेती अपनाई है. पढ़ें डिटेल...

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प्राकृतिक खेती के लिए मिल रही भारी सब्सिडी, इन जिलों के 37 हजार किसानों ने लपका मौकाऊना और हमीरपुर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और ऊना जिलों में प्राकृतिक खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है. राज्य सरकार की सब्सिडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य प्रोत्साहनों की बदौलत अब तक लगभग 37,000 किसान इस पद्धति को अपना चुके हैं. हमीरपुर में 20,000 से अधिक और ऊना में 16,853 किसानों ने रासायनिक रहित खेती की ओर रुख किया है. अधिकारियों के अनुसार, इससे किसानों की लागत घटी है, उपज की गुणवत्ता बढ़ी है और पर्यावरण को भी लाभ हुआ है.

हमीरपुर के उपायुक्त अमरजीत सिंह ने बताया कि इस साल रबी सीजन में जिले में 96 क्विंटल गेहूं और 9 क्विंटल हल्दी प्राकृतिक खेती से तैयार की गई, जबकि पिछले खरीफ सीजन में 53 क्विंटल मक्का की खरीद की गई थी.

प्राकृतिक खेती करने पर मिल रही सब्सिडी

  • देसी गाय खरीदने पर 25,000 रुपये की सब्सिडी
  • गोशाला में पक्का फर्श और गोमूत्र संग्रहण के लिए 8,000 रुपये की सहायता
  • परिवहन के लिए 5,000 रुपये की सब्सिडी और मंडी शुल्क में 2,000 रुपये तक की राहत
  • ड्रम और अन्य जरूरी उपकरणों पर 2,250 रुपये तक की सहायता राशि

गांव की महिलाओं की बदलती तस्वीर

ग्राम पंचायत अमलाहड़ की शकुंतला देवी और सुषमा देवी ने प्राकृतिक खेती से ना सिर्फ लागत कम की, बल्कि उन्हें बेहतर दाम भी मिल रहे हैं. उन्होंने कहा, "अब हम रसायन-मुक्त भोजन खाते हैं और अपने परिवार को भी सेहतमंद बना रहे हैं." 

ऊना में भी दिखा असर

ATMA परियोजना के निदेशक वीरेन्द्र बग्गा के अनुसार, ऊना जिले में किसानों द्वारा 41.66 मीट्रिक टन प्राकृतिक गेहूं और 11.15 मीट्रिक टन मक्का की बिक्री की गई है. उपायुक्त जतिन लाल ने किसानों से अपील की है कि वे पर्यावरण, स्वास्थ्य और आय की दृष्टि से लाभदायक इस विधि को अपनाएं.

प्राकृतिक उपज पर इतना है एमएसपी

बता दें कि राज्‍य सरकार कई जिलों में प्राकृतिक पद्धति से उगाए हुई उपज की न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद कर रही है. पूर्व में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्‍खू ने कहा था कि हिमाचल सरकार देश में प्राकृतिक उत्‍पादों पर सबसे ज्‍यादा एमएसपी दे रही है. राज्‍य में प्राकृतिक खेती से उगाए गए गे‍हूं, कच्‍ची हल्‍दी, मक्‍का और जौ की खरीद की जा रही है.

किसानों को प्राकृतिक गेहूं और जौ पर 60 रुपये प्रति किलो, कच्‍ची हल्‍दी पर 90 रुपये प्रति किलो, मक्‍का पर 40 रुपये प्रति किलोग्राम एमएसपी दिया जा रहा है. इसके साथ ही किसानों को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी का लाभ भी मिलता है. किसानों से खरीद करने के बाद राज्‍य सरकार इन उत्‍पादों को 'हिम भोग' ब्रांड नाम के साथ बाजार में बेचती है, जिससे उपभोक्‍ताओं को बेहतर क्‍वालिटी और केमि‍कल फ्री उत्‍पाद मिलना सुनिश्चित होता है. (पीटीआई के इनपुट के साथ)

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