
बिहार में यूरिया की कमी के कारण किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं. खाद की समस्या को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार आमने-सामने है. वहीं राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने खाद की समस्या को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार जरूरत के अनुसार खाद नहीं दे रही है और इसी के चलते राज्य के कई जिलों में खाद की काफी किल्लत देखने को मिल रही है. यह बातें कृषि मंत्री ने पटना के मीठापुर कृषि भवन में विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार कृषि डायरी, 2023 के विमोचन कार्यक्रम के दौरान कही. साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों को केन्द्र-बिन्दु में रखते हुए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रीकरण का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है.
बता दें कि बिहार कृषि डायरी, 2023 में कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी के साथ ही, विभागीय पदाधिकारियों के सम्पर्क-सूत्र को समाहित किया गया है. इसके साथ ही यह डायरी कृषि विभाग के मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक के सभी पदाधिकारियों एवं प्रसार कर्मियों को उपलब्ध कराया जायेगा.
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कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा नैनो यूरिया की उपयोगिता तथा उसके लाभ के बारे में किसानों को नये वर्ष में जागरूक किया जायेगा. जिससे की अधिक-से-अधिक किसान नैनो यूरिया का उपयोग करें. ताकि यूरिया पर होने वाले व्यय को कम किया जा सके. आगे उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया (तरल) विश्व का प्रथम स्वदेशी नैनो उर्वरक है. सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि नैनो यूरिया का परिवहन एवं भंडारण आसान एवं किफायती है.
कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2022-23 में रबी मौसम में भारत सरकार के द्वारा राज्य को आपूर्ति हेतु यूरिया की आवश्यकता का आकलन 12.70 लाख मीट्रिक टन किया गया है. वहीं अक्टूबर से दिसम्बर महीने तक कुल जरूरत के 82 प्रतिशत ही यूरिया की आपूर्ति की गई है. अक्टूबर महीने में 210000 मीट्रिक टन की जरूरत थी, जबकि 134273 मीट्रिक टन आपूर्ति की गई. नवंबर महीने में आपूर्ति हेतु स्वीकृत मात्रा 250000 मीट्रिक टन की तुलना में 174650 मीट्रिक टन,दिसंबर महीने में 330000 मीट्रिक टन की तुलना में 339812 मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई. वहीं इस तीन महीने के दौरान कुल आपूर्ति की स्वीकृति 790000 मीट्रिक टन की थी, जबकि 648735 मीट्रिक टन ही यूरिया राज्य को प्राप्त हुआ.
कुमार सर्वजीत ने कहा कि रबी 2022-23 में गत वर्ष से आच्छादन अधिक होने की संभावना है. जिससे यूरिया की मांग भी अधिक है. पाॅस स्टॉक में यूरिया की मात्रा 04 जनवरी, 2023 को 80332 मीट्रिक टन है. वहीं राज्य में यूरिया की मांग जनवरी तक चरम पर रहने का अनुमान है. किसानों को समय निर्धारित मूल्य पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है. इसके तहत सभी जिला कृषि पदाधिकारी नियमित रूप से उर्वरक प्रतिष्ठान का निरीक्षण एवं सघन छापामारी कर रहे हैं. अभी तक कुल 4469 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापामारी की गई है, जिसमें 100 उर्वरक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया है. वहीं 132 उर्वरक प्रतिष्ठान का अनुज्ञप्ति रद्द किया गया है. साथ ही 153 उर्वरक प्रतिष्ठानों का अनुज्ञप्ति निलंबित किया गया है एवं 155 उर्वरक प्रतिष्ठान से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि किसानों को केन्द्र-बिन्दु में रखते हुए चतुर्थ कृषि रोड मैप में सभी महत्वपूर्ण अवयवों को शामिल किया जा रहा है, ताकि बिहार में समावेशी विकास की परिकल्पना साकार हो सके. किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण कृषि विभाग का मुख्य लक्ष्य है. चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रीकरण में दो स्वरूपों ‘विजन डाक्युमेंट’ तथा ‘विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन’ के अनुसार कृषि एवं संबद्ध विभागों के द्वारा योजनाओं को समयबद्ध तरीके से मॉनिटरेबल आकलन के अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा.
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