महाराष्ट्र में मॉनसून कुछ ही दिनों में आने वाला है. पिछले एक हप्ते से मौसम विभाग मराठवाड़ा क्षेत्र में तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना को जता रहा है. मॉनसून आने से पहले लातूर जिले के पपीते की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. यह परेशानी तेज हवा के कारण है. पिछले हफ्ते से जिले में चल रही तेज हवा और तूफान के कारण पपीते के बागों का भारी नुकसान हुआ है. काफी मेहनत करने पर अब पपीते के फल मार्केट में ले जाकर बेचने के लिए तैयार ही थे, लेकिन अचानक मॉनसून पूर्व चल रही तेज हवाओं ने इस तैयार पपीते के फल के साथ पेड़ को भी जड़ से उखाड़ दिया है. तैयार हो चुकी फसल बर्बाद हो गई है.
जिले के औसा तहसील में एक गांव है शिवली. इस गांव के तानाजी नरसिंग जाधव नाम के किसान ने अपने तीन एकड़ क्षेत्र में हजारों रुपयों की लागत से पपीते की खेती की थी. लेकिन इस महीने की 3 जून से चल रही तेज हवा के कारण उनके लगभग आधे बगीचे का नुकसान हो चुका है. जाधव ने कहा कि उनके पास 10 एकड़ जमीन है. जिसमें गन्ने और पपीते की खेती करते हैं. लेकिन इस महीने की तीन तारीख को दोपहर बाद शुरू हुई तेज हवा से काफी फल और पेड़ नीचे गिर गए. जिससे बगीचे का भारी नुकसान हुआ है. अब प्रशासन की ओर से नुकसान का सर्वे करके मुआवजा दिलाया जाए.
लटूरे जिले के रहने वाले किसान तानाजी नरसिंग जाधव ने बताया कि इस साल भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है किसानों को कभी बेमौसम बारिश की मार तो उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है. अब एक बार फिर से बारिश दस्तक देने वाली हैं जिसका असर अभी देने को मिल रहा है.जाधव का कहना है कि उन्होंने अपने 10 एकड़ जमीन पपीते और गन्ने कि खेती है लेकिन तेज हवा और बारिश के कारण पूरा बाग खराब हो गया. इससे भारी आर्थिक संकट का सामना कारण पड़ रहा है.जाधव का कहना है कि लगभग डेढ़ लाख रूपये से ज्यादा का खर्च आया था इस बाग में आगे बताय कि वो कुछ दिनों में पपीते का हार्वेस्टिंग कर और बाजार में बेचने वाले थे, लेकिन बारिश ने सबकुछ बर्बाद कर दिया.
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किसान तानाजी नरसिंग जाधव का कहना है कि जिले में पपीता समेत आम के बागों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है
जिले के शिवली गाँव में किसान सबसे ज्यादा पपीता,आम, गन्ना,और सोयाबीन की खेती करते हैं. किसानों का कहना हैं कि आने वाले चक्रवात बिपरजॉय से डर बढ़ गया है इस तूफान से फसलों का भारी नुकसान हो सकता हैं. ऐसे में हम किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता हैं. शिवली गांव के क्षेत्र के सतीश पाटील, गुरुलिंग कुरले, बंडू पाटील, संगमेश्वर पावले, शांतेश्वर पावले, सुरेश मेंढेकर, कृष्णा मेंढेकर, संतोष मेंढेकर, मधू घोडके, हनुमंत कांबळे, दिनू मोहिते, पंडित मोहिते, शिवाजी आळणे, औदुंबर पांचाळ, लिंगाप्पा कुरले, जीवन आळणे, व्यंकट बनसोडे, दत्ता शिंदे सुरेश कुरे, मल्लिनाथ वाले, राजाराम शिंदे ऐसे लगभग 35 पपीता उत्पादक किसानों का नुकसान हुआ है.
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