बाजार में बिक रहे एक-एक लाख के तोतापरी बकरे, जानें बकरीद पर क्यों होती है डिमांड

बाजार में बिक रहे एक-एक लाख के तोतापरी बकरे, जानें बकरीद पर क्यों होती है डिमांड

बकरीद पर कुर्बानी के लिए बिकने वाले बकरों के रेट कभी भी उनके वजन के हिसाब से तय नहीं होते हैं. बकरे की हाइट-हेल्थ और उनकी खूबसूरती के हिसाब से उसके रेट तय होते हैं. यही वजह है कि जहां बाजार में बकरे का मीट 600 से 700 रुपये किलो तक बिक रहा है तो कुर्बानी के बकरे का मीट एवरेज एक हजार से लेकर 15 सौ रुपये किलो के भाव तक का होता है.

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बाजार में बिक रहे एक-एक लाख के तोतापरी बकरे, जानें बकरीद पर क्यों होती है डिमांडतोतापरी नस्ल का बकरा. फोटो क्रेडिट-किसान तक

शहर कोई भी हो, बकरों की रोजाना छोटी-बड़ी मंडियां लग रही हैं. इलाकों और डिमांड के हिसाब से हर नस्ल के बकरे मंडियों में आ रहे हैं. बकरीद के चलते इन दिनों रोजाना ही मंडियां लग रही हैं. लेकिन अगर दिल्ली की जामा मस्जिद के पास लगने वाली बकरा मंडी की बात करें तो यहां तोतापरी बकरे बिकने के लिए बहुत आते हैं. दाम की भी बात करें तो एक-डेढ़ लाख रुपये से कम नहीं होते हैं. जैसा बकरों का नाम है तो वैसे ही तोते की तरह से इनकी नाक होती है. दिल्ली में खरीदार इन्हें बहुत पसंद करते हैं. यही वजह है कि जामा मस्जिद के पास लगने वाली इस मंडी में तोतापरी बकरे बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं. 

बकरीद में अब सिर्फ तीन दिन बाकी रह गए हैं. बकरीद 29 जून की है और यह बकरीद तीन दिन तक मनाई जाती है. यही वजह है कि बकरों की कुर्बानी भी तीन दिन तक चलती है. लेकिन बकरों की बिक्री खासतौर पर 28 जून तक ही चलेगी.

हाइट-हेल्थ के चलते हर किसी की पसंद बनते हैं तोतापरी बकरे 

बकरों के एक्सपर्ट मथुरा निवासी राशिद ने किसान तक को बताया कि तोतापरी बकरे खासतौर पर मेवात और उससे लगे राजस्थान के अलवर में पाले जाते हैं. तोतापरी बकरों की तीन बड़ी खासियत होती हैं. एक तो ये कि दूसरे सामान्य बकरों के मुकाबले इनकी हाइट ज्यादा होती है. दूसरा हेल्थ  के हिसाब से भी 100 किलो और उसके आसपास के होते हैं. तीसरा ये कि इनकी नाक तोते की तरह से ऊपर की ओर उठी हुई होती है और होंठ नीचे की ओर दबे हुए. जिसके चलते इनकी खूबसूरती बढ़ जाती है. कई अलग-अलग रंग में होने के चलते भी इनकी खूबसूरती और बढ़ जाती है. 

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खिलाई-पिलाई के चलते भी तंदरुस्त बनते हैं तोतापरी बकरे 

राशिद ने बताया कि तोतापरी नस्ल अभी रजिस्टंर्ड नहीं हुई है. लेकिन राजस्थान के अलवर और हरियाणा के मेवात में इसका पालन खूब किया जाता है. प्राकृतिक तौर पर ही इस नस्ल के बकरे अच्छी हाइट और हेल्थ के होते हैं, लेकिन अगर इनकी खिलाई-पिलाई और अच्छे तरह से हो जाए तो हाइट और हेल्थ और ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसके चलते इनके दाम भी ज्यादा होते हैं. इस दाम के बकरे हर शहर में नहीं बिक पाते हैं. यही वजह है कि दिल्ली -मुम्बई में इनकी खासी डिमांड रहती है.

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मीडियम रेट के अजमेरी बकरे भी खूब आ रहे मंडी में 

अजमेरी नस्ल का बकरा गहरे भूरे रंग का धब्बे दार होता है. इसके पेट पर भूरे रंग के ही धब्बे होते हैं. कद-काठी में ये बीच का होता है. ना ज्यादा तगड़ा और ना ही ज्यादा कमजोर सा. रेट के मामले में भी बात करें तो 25 से 35 हजार रुपये तक का होता है. देखने में भी खूबसूरत होता है तो इसलिए बकरीद के मौके पर इसे खूब पसंद किया जाता है. बेशक ये अजमेर की नस्ल है, लेकिन इसे हरियाणा और पश्चिमी यूपी में भी पाला जाता है. दिल्ली की मंडी में अजमेरी नस्ल के बकरे भी खूब बिकते हैं. क्योंकि हर कोई तोतापरी नस्ल का बकरा नहीं खरीद सकता है.   

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