भारतीय किसान यूनियन संघ (BKU) के बैनर तले राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई किसान मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. धरने के दूसरे दिन राकेश टिकैत ने गन्ने का दाम घोषित करने की मांग के साथ ही तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की है. किसान तक से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को हरियाणा और पंजाब सरकार मुआवजा दे चुकी है, जबकि यूपी सरकार ने इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंंने यूपी सरकार से तत्काल मुआवजा राशि घोषित करने, गन्ने के दाम घाेषित करने और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस लेने की मांग की है.
किसान तक से बातचीत में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर ये धरना शुरू किया गया है. हम कृषि आंदोलन के दौरान 'शहीद' हुए किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे समेत विभिन्न मांगों को लेकर ये धरना प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा सरकार ने ऐसे किसानों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दे चुकी है. हमारी मांग है कि पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर ही यूपी सरकार भी शहीद किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान करे. उन्होंने बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन में यूपी से 12 किसानों की जान गई थी. साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने आंदोलन के दौरान कई किसानों पर मुकदमे दर्ज किए थे, जिन्हें अभी तक वापिस नहीं लिया गया है. हमारी मांग है कि किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाएं.
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धरने पर बैठे राकेश टिकैत ने यूपी सरकार ने जल्द गन्ने के दाम घोषित करने की मांग की है. उन्होंने कहा किसान गन्ने के दाम 450 रुपये क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं. ये दूसरी बात है. लेकिन, पहले ये जरूरी है कि किसान गन्ने के दाम तत्काल घोषित करे. टिकैत ने कहा कि पेराई शुरू हुए दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन, किसानों ने अभी तक गन्ने के दाम घोषित नहीं किए हैं.
किसान तक से बात करते हुए टिकैत ने अपनी मांगे जाहिर की हैं. उन्होंने कहा है कि इन मांगों को लेकर अभी तक प्रशासन से बात नहीं हो पाई है. वहीं आंदोलन के भविष्य पर उन्होंने कहा कि जनता आंदोलन का भविष्य तय करेगी. उन्होंने आगे कहा कि अगर आंदोलन के साथ किसान और आम लोग जुटेंगे तो आंदोलन का विस्तार किया जाएगा.
आपको बता दें कि राकेश टिकैत केंद्र सरकार के खिलाफ कृषि कानून को लेकर धरने की वजह से चर्चा में आए थे. उनके आंदोलन की वजह से केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने पड़े थे. मुजफ्फरनगर में फिर से एक बार राकेश टिकैत ने धरने की शुरुआत कर दी है. उन्होंने अभी तक प्रशासन से इस मामले में कोई बातचीत नहीं की है. जनता का समर्थन को देखते हुए आंदोलन का विस्तार करने की बात कही है हालांकि यह आंदोलन के समाप्त करने की तिथि साफ नहीं की और अनिश्चित काल तक बैठने की बात कही है.
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