देश में बीते साल केंद्रीय कृषि बिलों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन में बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने खास पहचान बनाई थी. इसके बाद से भारतीय किसान संघ (बीकेयू ) नेता राकेश टिकैत देश के हर कोने में किसानों के हक की लड़ाई लड़ने पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में राकेश टिकैत ने बिहार के बक्सर जिले में जारी किसान आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है. जिसके तहत वह 16 जनवरी को बिहार के बक्सर में आंदोलित किसानों को समर्थन देने जा रहे हैं. जिससे बक्सर के किसान आंदोलन का माहौल गरमाने की आशंका लगाई जा रही है.
बिहार के बक्सर में किसानों के ऊपर लाठीचार्ज हुआ था. अब तक मिली जानकारी के अनुसार 2010-11 में किसानों की भूमि अधिग्रहण कर पावर प्लांट बनाया गया था, जिस पर उन्हें 2011 के अनुसार भूमि की राशि का मुआवजा दिया गया था. 2022 में फिर से पावर प्लांट को बढ़ाने के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू किया और उन्हें मुआवजे की राशि पुराने मूल्यों के आधार पर दी जा रही थी, जिसके कारण किसान नाराज थे. और 2 महीने से अधिक समय से किसान आंदोलन कर रहे थे. जिस पर पुलिस ने पहुंच कर बच्चों, बूढ़ों सहित, महिलाओं पर भी लाठीचार्ज किया.
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बिहार के बक्सर में मुआवजे को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने न सिर्फ लाठीचार्ज किया गया. जिसके बाद किसानों ने पावर प्लांट में आगजनी और तोड़फोड़ की. इस मामले में किसानों पर 3 एफआईआर दर्ज की गई हैं. दो एफआईआर में शिकायतकर्ता सतलुज जल विद्युत निगम है, जो थर्मल प्लांट का निर्माण कर रहा है और तीसरी एफआईआर चौसा के अंचल अधिकारी ने दर्ज कराई है.यह एफआईआर मुफस्सिल पुलिस थाने में दर्ज की गई हैं. इस मामले को लेकर 38 लोगों पर नामजद FIR की गई है साथ ही 250 से अधिक लोगों को संदिग्ध मानकर मामला दर्ज किया गया है.
इस घटना के बाद किसानों में रोष फैला है, प्रशासन और प्लांट के अधिकारी किसानों की मांगों को नहीं सुन रहे. किसान नेता राकेश टिकैत 16 जनवरी को दोपहर घटना स्थल पर पहुंच कर पीड़ित किसानों से मुलाकात करेंगे.
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