भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैट ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. टिकैत ने कहा कि किसान सम्मान निधि में 6 हजार रुपये सरकार दे रही है. वह 6 हजार रुपये है न कि अमेरिकन डॉलर. टिकैत ने कहा, भारतीय जनता पार्टी (BJP) का 30 साल का प्लान है कि 2047 या 2050 तक किसान की फसल न बिके. बिजली का बिल मंहगा हो जिससे किसान कर्जदार हो जाए और ज़मीदार बड़े घराने के लोगो को जमीन बेच दें.
2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि देश में लोकतंत्र तो अब बचा नही.जो चुनाव लड़ने वाली पार्टी है व डर गई है और डर के सरकार में शामिल हो जायेगी.तो देश का बुरा हाल होगा.यहां अब तो कहने को लोकतंत्र है जो अब नही रहा.
सभी लोग दबाव में काम कर रहे हैं, अब विपक्षी दलों को अपनी जान बचाने के लिए एक साथ आना चाहिए, किसे पीएम बनाना है, क्या करना है, कैसे बनाना है, यह तय करने से पहले उन्हें एक होकर चुनाव लड़ना चाहिए. क्योंकि जिस तरह से सभी पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी, उससे एक-दूसरे को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल पार्टी बीजेपी लोगों को आपस में लड़ाने का काम करेगी.
यूपी के फतेहपुर जिले में भारतीय किसान यूनियन टिकैट गुट के वरिष्ठ नेता स्व- वीरेंद्र पटेल के तेरहवीं संस्कर में शामिल होने आए राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत जिले के सीमा छिवली नदी पर जब उनका काफिला पहुंचा तो किसानों ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान जब उनसे किसानों के समस्या को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने केंद्र में बैठी भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का 30 साल का प्लान है. जोकि 2047 या 2050 तक किसान की फसल न बिके, बिजली का बिल मंहगा हो जिससे किसान कर्जदार हो जाये और ज़मीदार बड़े घराने के लोगो को बेच दे.
वहीं किसान सम्मान निधि का पैसा केंद्र सरकार के द्वारा वापस लेने के सवाल पर कहा कि किसानों की फसल कम एमएसपी रेट पर बिक रही है. तो क्या है सम्मान निधि एक किसान को साल में 6 हजार रुपए दे रहे है. वह अब छोटे किसानों को दिया जायेगा और बड़े किसानों को अपात्र बताकर सब किसानों को नही ले रहे हैं. तो इसका मतलब है कि 6 हजार रुपए अमेरिका डॉलर है. जिसका मतलब अपने पैसे का प्रचार कर रहे है और किसानों की फसल कम रेट में बिक रही है उसका कोई जिक्र नही है. क्योंकि भाजपा सरकार के पास प्रचार तंत्र है.
वहीं उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि देश में लोकतंत्र तो अब बचा नही. जो चुनाव लड़ने वाली पार्टी है वो डर गई है और डर के सरकार में शामिल हो जायेगी. तो देश का बुरा हाल होगा. यहां अब तो कहने को लोकतंत्र है जो अब नही रहा. सब लोग दबाव में काम कर रहे है. वहीं उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को एनडीए में पीएम का चहरा माना जा रहा है जिसका दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और ममता बनर्जी ने समर्थन किया है. इस सवाल पर कहा कि सारे विपक्षी दल अब तो मिलकर अपनी अपनी जान बचा ले पीएम किसको बनाना है क्या करना है कैसे करना है उसके पहले एक होकर चुनाव लड़े. क्योंकि जिस तरह से सभी पार्टी अलग अलग चुनाव लड़ेंगे उससे एक दूसरे का नुकसान होगा.उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की जो पार्टी है आपस में लड़वाने का काम करेगी. (नितेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
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