किसान और पशुपालक अपने पशुओं को अलग-अलग तरह का चारा उगाते और खिलाते रहते हैं. किसानों का मुख्य उद्देश्य होता है कि पशु स्वस्थ रहें और दूध उत्पादन भी बढ़े. लेकिन किसानों के सामने यह चुनौती हमेशा बनी रहती है कि उन्हें हर साल चारा उगाना पड़ता है और कई बार उसे तेजी से बढ़ाने के लिए रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ता है. इससे जहां चारा जल्दी बढ़ता है, वहीं जब पशु उसे खाते हैं तो उनकी सेहत पर भी इसका नकारात्मक असर भी पड़ सकता है. ऐसे में एक घास है जिसे खाकर गाय-भैंस बाल्टी भर-भर दूध देने लगेंगी. साथ ही इस चारे को उगाना भी आसान है. आइए जानते हैं कौन सा है वो चारा और क्या है उसकी खासियत.
नेपियर घास का नाम तो आपने सुना ही होगा. हाथी घास के नाम से मशहूर नेपियर घास पशुओं के लिए काफी फायदेमंद भी होती है. लेकिन आप नेपियर की जगह अब काली नेपियर घास पशुओं के आहार में शामिल कर सकते हैं. यह घास न सिर्फ पशुओं की सेहत में सुधार लाती है, बल्कि दूध की मात्रा को भी बढ़ाती है. वहीं, इस घास की सबसे बड़ी खासियत यह है कि काली इसे एक बार लगाने के बाद 5 से 6 साल तक आसानी से काटा जा सकता है और इसे कहीं भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा इसे खाकर पशु स्वस्थ, ऊर्जावान और अधिक दूध देने लगते हैं.
किसान आमतौर पर अन्य घासों के लिए बार-बार बुआई करते हैं और अक्सर कीट या फफूंदी की समस्या से भी जूझते हैं. लेकिन काली नेपियर घास में किसी तरह के कीट या फफूंदी लगने का खतरा नहीं होता है. इसके अलावा, इसे खाने से पशुओं की पेट की समस्या और त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं. कुल मिलाकर काली नेपियर घास पशुपालकों के लिए एक वरदान की तरह है. इससे न सिर्फ पशुओं की सेहत में सुधार होता है बल्कि दूध की मात्रा बढ़ने और किसानों की आय बढ़ाने में भी कारगर है.
काली नेपियर घास की खेती किसान किसी भी मौसम में कर सकते हैं. इस घास को बोने के लिए इसके डंठल को काम में लिया जाता है, जिसे नेपियर स्टिक कहा जाता है. स्टिक को खेत में डेढ़ से दो फिट की दूरी पर रोपा जाता है. वहीं, एक बीघा में करीब 8 हजार डंठल की आवश्यकता होती है. इस घास के डंठल को सितंबर से अक्टूबर और फरवरी में बोया जा सकता है. वहीं, इसके बीज नहीं होते हैं. साथ ही इसकी खेती के लिए उचित जल निकास वाली मटियार और बलुई दोमट मिट्टी बेस्ट है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today