जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश से हाहाकार, नदी-नाले उफान पर, SDRF ने 45 छात्रों को किया रेस्‍क्‍यू

जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश से हाहाकार, नदी-नाले उफान पर, SDRF ने 45 छात्रों को किया रेस्‍क्‍यू

जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश ने हाहाकार मचा रखा है. खासकर जम्‍मू और इसके निचले इलाकों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं. नदियां-नाले उफान पर हैं. जम्मू-पठानकोट हाइवे का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है और कई घर जलमग्न हो गए. SDRF ने हॉस्‍टल से 45 छात्रों को रेस्‍क्‍यू किया है.

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जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश से हाहाकार, नदी-नाले उफान पर, SDRF ने 45 छात्रों को किया रेस्‍क्‍यूजम्मू-पठानकोट हाइवे के पास सहार खड्ड नदी पर पुल क्षतिग्रस्त हुआ. (फोटो- एएनआई)

जम्मू-कश्मीर में शनिवार को रातभर हुई मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए है. जम्मू शहर और आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. नाले-नदियां उफान पर हैं, जिससे सड़कें जलमग्न हो गईं और कई घरों में पानी घुस गया. सबसे ज्‍यादा असर जम्मू-पठानकोट नेशनल हाइवे पर देखने को मिला, जहां कठुआ जिले में साहड़ खड्ड के उफान पर आने से एक पुल बीचोंबीच क्षतिग्रस्त हो गया. फिलहाल ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्ग पर डायवर्ट कर दिया गया है. वहीं, बाढ़ जैसे हालत होने पर एसडीआएफ ने भारतीय एकीकृत औषधि संस्थान के 45 छात्रों को रेस्‍क्‍यू किया.

मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू में आज सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे में 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. यह इस सदी की अगस्त महीने की दूसरी सबसे बड़ी बारिश है. इससे पहले 1926 में 5 अगस्त को 228.6 मिमी बारिश हुई थी. वहीं, 2022 में 11 अगस्त को 189.6 मिमी दर्ज हुई थी. लगातार हो रही भारी बारिश से तवी, चिनाब, बसंतर, उज्ह और रावी जैसी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर से ऊपर चला गया है.

45 छात्रों को किया गया रेस्‍क्‍यू

भारी बारिश-बाढ़ के चलते जम्मू में भारतीय एकीकृत औषधि संस्थान (IIIM) के हॉस्टल में हालात गंभीर हो गए. नहर का पानी सात फीट ऊपर तक भर जाने से ग्राउंड फ्लोर जलमग्न हो गया. करीब 45 छात्र फंस गए, जिन्हें SDRF और पुलिस ने पांच घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित बाहर निकाला. संस्थान के निदेशक डॉ. जाबीर अहमद ने बताया कि छात्रों के लिए वैकल्पिक ठहरने की व्यवस्था कर दी गई है.

जलभराव से घर-गाड़ियों को नुकसान

बताया गया कि जम्मू शहर के जनिपुर, रूपनगर, तालाब टिल्लू, ज्वेल चौक, न्यू प्लॉट और संजय नगर जैसे इलाकों में निचले हिस्से पूरी तरह डूब गए है. दर्जनों घरों की दीवारें ढह गईं और लगभग एक दर्जन वाहन बाढ़ में बह गए. तवी पुल के पास सड़क का एक हिस्सा धंस गया, वहीं जम्मू बस स्टैंड के बाहर एक कल्वर्ट भी टूट गया.

भूस्‍खलन के कारण सड़क बंद

अधिकारियों के मुताबिक, रणनीतिक रूप से अहम जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे यातायात के लिए खुले हैं, लेकिन बारिश और भूस्खलन की वजह से राजौरी-पूनछ को शोपियां से जोड़ने वाली मुगल रोड और किश्तवाड़ से अनंतनाग जाने वाली सिंथन रोड बंद करनी पड़ी.

कई विभाग हाई अलर्ट पर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों से दूर रहें और भूस्खलन संभावित इलाकों में न जाएं. सीएम ने कहा कि कंट्रोल रूम पूरी तरह सक्रिय रहेंगे और पेयजल, बिजली जैसी जरूरी सेवाओं को तुरंत बहाल करना प्रशासन की प्राथमिकता है. जम्मू क्षेत्र के ऊधमपुर में 144.2 मिमी, कटरा में 115 मिमी, सांबा में 109 मिमी और कठुआ में 90.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. श्रीनगर में हालांकि सिर्फ 13.5 मिमी बारिश हुई.

रक्षा मंत्री ने घायलों से की मुलाकात

वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी चिंता जताई है. वे रविवार को जम्मू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती घायलों से मिले और उनका हालचाल जाना. उन्होंने बताया कि खराब मौसम और मार्ग पर भूस्खलन के कारण प्रभावित गांव का दौरा संभव नहीं हो पाया. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे. उन्‍होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. (पीटीआई)

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