राकेश टि‍कैत ने सरकार पर लगाया वायदे से मुकरने का आरोप, फ‍िर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

राकेश टि‍कैत ने सरकार पर लगाया वायदे से मुकरने का आरोप, फ‍िर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

किसान नेता राकेश ट‍िकैत ने एक बार फ‍िर सरकार को बड़े किसान आंदोलन की धमकी दी है. सबसे लंबे समय तक चले आंदोलन की अगुवाई कर चुके टिकैत ने आज कहा कि सरकार अपने वादे से मुकर गई है. अगर सरकार ने सही फैसले नहीं किये तो फि‍र बड़ा आंदोलन होगा.

Advertisement
राकेश टि‍कैत ने सरकार पर लगाया वायदे से मुकरने का आरोप, फ‍िर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से जमीनें न बेचने की अपील की

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने केन्द्र सरकार पर किसानों से किए वादे अब तक पूरे नहीं करने का आरोप लगाया है. टिकैत ने रव‍िवार को कहा कि सरकार की मंशा किसी भी तरह से किसानों की जमीनें हड़प कर उन्हें मजदूर बनाना है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी क‍ि किसानों के हित में अगर सही फैसले नहीं हुए तो किसान आंदोलन करेंगे. 

एमएसपी गारंटी कानून की मांग पूरी हो

प्रयागराज में किसानों की महापंचायत में हिस्सा लेने जा रहे टिकैत औरैया में किसान संगठनों ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने कहा, ''सरकार ने हमारी कोई मांग नहीं मानी. आज देश के सामने सबसे बड़ा सवाल एमएसपी गारंटी कानून को लागू करने का है. अगर ये कानून नहीं बनेगा तो क‍िसानों की जमीनें बिकना तय है. सरकार की नजर क‍िसान की जमीनों पर है. हम प्रयागराज जा रहे हैं, जहां बैठक कर चर्चा करेंगे कि किसानों के संगठन को मजबूत कर आगे आंदोलन कैसे चले.''  गौरतलब है क‍ि पिछले लोकसभा चुनाव के समय टिकैत की अगुवाई में सबसे अध‍िक समय तक चलने वाला किसान आंदोलन हो चुका है. 

ये भी पढ़ें- Millet: कम काब्रोहाइडेड वाली चाहते हैं खुराक , ये मोटे अनाज करें डायट में शाम‍िल

बक्सर जाएंगे

टिकैत ने कहा कि सोमवार को वह बिहार के बक्सर भी जाएंगे, जहां किसानों पर पुलिस ने दमनकारी कार्रवाई की. उन्होंने कहा क‍ि एमएसपी एक बड़ा मुद्दा है. मंडी में एमएसपी पर जो खरीद होती ह‍ै, वह सरकार द्वारा नहीं बल्क‍ि व्यापारियों द्वारा की गयी खरीद होती है. उन्होने कहा, ''मौजूदा समय में किसान घुटन महसूस कर रहे हैं. किसान आंदोलन से ही बचेगा. किसानों के जाे मसले हैं, सरकार उनका समाधान करे, नहीं तो आंदोलन होंगे, सरकार आंदोलन के लिए तैयार रहे. चाहे केन्द्र की सरकार हो या राज्यों की सरकार हो, अगर किसानों के हित में फैसले नहीं हुए तो हमारे लिए आंदोलन ही एक विकल्प है.''

उन्होंने कहा कि किसान, लगातार समस्याओं से घ‍िरता जा रहा है. ना तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद हो रही है, ना ही कृष‍ि लागत को कम करने के कोई उपाय हुए और ना ही किसानों की आय बढ़ी है. पूरे देश में किसान छुट्टा पशुओं की समस्या से जूझ रहा है. फसलें बर्बाद हो रही हैं. ये हालात देखकर लगता है कि सरकार की मंशा है कि किसान खेती करना छोड़ दे. चाहे फसलों के बर्बाद होने से परेशान होकर किसान खेती छोड़े, चाहे ब‍िजली मंहगी होने से छोड़े, चाहे खाद की किल्लत से परेशान होकर खेती छोड़े. सरकार चाहती है कि किसान किसी भी सूरत में अपनी जमीन बेचें और जमीन बेच कर अपने खर्चे चलायें. 

किसान जमीन न बेचें

टि‍कैत ने आगाह किया कि आज जो हालात पैदा हुए हैं, उनका सीधा संकेत यही है कि 15-20 साल में किसान अपनी जमीनें बेचकर बेरोजगार हो जायें और मजदूर बनकर काम करें. इसी वजह से सरकार ने इस स्थि‍ति को उत्पन्न करने के लिए ही श्रम कानून में संशोधन कर दिया है. जिससे आज के किसान कल भूम‍िहीन होकर उन्हीं उद्योगपतियों के यहां ठेके पर काम करें ज‍िन्होंने उनकी जमीनें हड़प ली थीं. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी सूरत में अपनी जमीन न बेचें. किसी भी तरह से वे अपने खर्चे चलायें, आंदोलन करें, लेकिन जमीन न बेचें.     

ये भी पढ़ें- Explainer: क्या है FCI 'घोटाला' जिसमें हर दिन खुल रहे नए-नए राज

POST A COMMENT