पंजाब में बदलेगी कृषि नीति,11 सदस्यीय कमेटी केे हाथों में होगी कमान

पंजाब में बदलेगी कृषि नीति,11 सदस्यीय कमेटी केे हाथों में होगी कमान

पंजाब सरकार द्वारा नई कृषि नीति तैयार करने के लिए कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है. पंजाब सरकार के अनुसार नई कृषि नीति 31 मार्च तक तैयार हो जाएगी. वही नई कृषि नीति को पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों जैसे- भूजल, मिट्टी की सेहत और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा.

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पंजाब में बदलेगी कृषि नीति,11 सदस्यीय कमेटी केे हाथों में होगी कमान पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने चंडीगढ़ में पत्रकारों को किया संबोधित, फोटो साभार: ट्विटर

किसानों के कल्याण और राज्य की कृषि व्यवस्था में सुधार के लिए पंजाब सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी क्रम में पंजाब सरकार द्वारा नई कृषि नीति तैयार करने के लिए कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है. पंजाब सरकार के अनुसार नई कृषि नीति 31 मार्च तक तैयार हो जाएगी. वही नई कृषि नीति को पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों जैसे- भूजल, मिट्टी की सेहत और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा. साथ ही नई कृषि नीति में परमल धान के विकल्प के रूप में बासमती को अपनाने और बासमती निर्यात को बढ़ावा देने का प्रस्ताव भी शामिल होगा.

दरअसल, पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने नई कृषि नीति तैयार करने के लिए कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है. धालीवाल ने कहा कि नई कृषि नीति 31 मार्च तक तैयार हो जाएगी. 

11 सदस्यीय कमेटी का गठन

उन्होंने कहा कि इस 11 सदस्यीय कमेटी में सदस्यों के रूप में कृषि सचिव राहुल तिवारी, पंजाब राज्य किसान एवं कृषि श्रमिक आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसएस गोसाल, गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह, अर्थशास्त्री डॉ सुच्चा सिंह गिल, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पूर्व वाइस चांसलर बीएस घुमन, पूर्व निदेशक बागवानी गुरकंवल सिंह, राजेश वशिष्ठ, सलाहकार पंजाब जल नियंत्रण एवं विकास प्राधिकरण, पूर्व कृषि निदेशक बलविंदर सिंह सिद्धू, पीएयू किसान क्लब के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह और पुनसीद के चेयरमैन महिंदर सिंह सिद्धू को शामिल किया गया है. 

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12 फरवरी को होगी पहली सरकार-किसान बैठक 

कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि पहली सरकार-किसान बैठक 12 फरवरी को होगी. उन्होंने कहा कि यह मीटिंग पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में होगी और मुख्यमंत्री भगवंत मान मुख्य अतिथि होंगे. उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में पंजाब के कोने-कोने से 2500 से अधिक प्रगतिशील किसान हिस्सा लेंगे. उन्होंने आगे कहा कि इस बैठक के दौरान किसान कृषि नीति पर चर्चा करेंगे और उनके बहुमूल्य सुझाव लिए जाएंगे.

कृषि नीति मसौदा में प्राकृतिक संसाधनों पर फोकस 

धालीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों जैसे- भूजल, मिट्टी की सेहत और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नई कृषि नीति का मसौदा तैयार कर रही है. उन्होंने कहा कि नई कृषि नीति में किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कृषि उपज के मूल्यांकन, निर्यात और कृषि विविधीकरण (diversification) जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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नई कृषि नीति में परमल धान (parmal paddy) के विकल्प के रूप में बासमती को अपनाने और बासमती निर्यात को बढ़ावा देने का प्रस्ताव भी शामिल होगा. धालीवाल ने कहा कि पंजाब एक पर्यावरण और स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है, जिसमें उपजाऊ भूमि अनुपजाऊ भूमि में बदल रही है. उन्होंने आगे कहा कि नई कृषि नीति के तहत नदियों के अतिरिक्त पानी को पंजाब के हर खेत तक पहुंचाने पर विचार किया जा रहा है.

बीज उत्पादन पोर्टल और एप लॉन्च 

इस मौके पर धालीवाल ने किसानों को ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराने वाला बीज उत्पादन पोर्टल और एप भी जारी किया. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से किसान बीजों की उपलब्धता और किस्मों की ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

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