
भारतीयों की थाली में परोसी जाने वाली 50 फीसदी सब्जियों में आलू की मौजूदगी जरूर होती है. इतना ही नहीं इसके चिप्स से भारतीय बाजार पटे पड़े हैं. बावजूद इसके पंजाब से लेकर यूपी, बिहार से लेकर मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल तक आलू किसान परेशान हैं. कभी बेमौसम बारिश उन्हें रुलाती है तो कभी बाजार में आलू का कम दाम उन्हें रोने को मजबूर कर देता है. यूपी में तो किसान आलू को सड़कों पर फेंकने के लिए मजबूर हैं. जबकि किसानों से आलू खरीदकर इसका व्यापार करने वाले दूसरे लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. दूसरी ओर, हम करीब आठ सौ करोड़ रुपये का आलू एक्सपोर्ट कर रहे हैं. आलू भारतीय मूल की फसल नहीं है. यह भारत में पेरू से आया था और यहां इतना लोकप्रिय हुआ कि सब्जियों का राजा बन गया.
आलू भले ही भारतीय मूल की फसल नहीं रहा है लेकिन यह यहां के लोगों के जीवन में न सिर्फ गहरे से रच-बस गया है बल्कि हम इसका इतना उत्पादन करने लगे हैं कि दुनिया के 35 देशों में इसका एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक है. जबकि इस मामले में चीन पहले स्थान पर है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में 23.46 लाख हेक्टेयर भूमि में किसान आलू की पैदावार कर रहे हैं. साल 2022-23 में 597 लाख टन से अधिक आलू का उत्पादन हुआ है.
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भारत में आलू का उत्पादन और भारत से इसका एक्सपोर्ट दोनों लगातार बढ़ रहा है. कृषि मंत्रालय और एपीडा के आंकड़ों से इसकी पुष्टि हो रही है. पिछले एक साल में ही 47,41,612 क्विंटल आलू का एक्सपोर्ट किया गया है. तीन साल में ही 245 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट बढ़ गया है. अभी उत्तर प्रदेश से बहुत ही कम मात्रा में आलू एक्सपोर्ट हो रहा है. जबकि यूपी देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है. यूपी के किसानों का दावा है कि अगर केन्द्र और यूपी सरकार उन्हें कुछ सुविधाएं दे तो वो मौजूदा आलू एक्सपोर्ट के आंकड़े को तीन से चार गुना तक बढ़ा सकते हैं.
बहरहाल, देश के आठ सूबों में इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है. इसमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और असम शामिल हैं. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार इन राज्यों में देश का करीब 92 फीसदी आलू पैदा होता है. भारत में ज्यादातर आलू का उत्पादन रबी सीजन में होता है, लेकिन कुछ जगहों पर खरीफ सीजन में भी पैदावार होती है. उत्पादन में सबसे ज्यादा 27.43 फीसदी की हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है. दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है जिसकी देश के कुल उत्पादन में हिस्सदारी 25.78 फीसदी है. इसी तरह 15.97 फीसदी उत्पादन के साथ बिहार तीसरे स्थान पर है.
नेपाल, ओमान, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, यूएई, मालदीव, कुवैत, श्रीलंका, भूटान, कतर, हांगकांग, बहरीन, अंगोला, जापान, यूएसए, ईराक, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाड़ा, जर्मनी, तुर्की, यूके, सेनेगल, माल्टा, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, जॉर्डन, बेल्जियम आदि देशों में भारत से आलू एक्सपोर्ट होता है. नेपाल, ओमान और सऊदी अरब आदि आलू के बड़े खरीदार हैं.
यूपी के आलू एक्सपोर्टर युवराज परिहार ने 'किसान तक' से कहा कि अगर यूपी में कुफरी संगम आलू का पर्याप्त बीज मिले और शहर से पोर्ट तक अच्छा और सस्ता ट्रांसपोर्ट मिले, कागजी खानापूर्ति आसान हो और आलू टेस्टिंग की लैब हो तो एक्सपोर्ट बढ़ सकता है. कुफरी संगम सब्जी में भी इस्तेमाल होता है और प्रोसेसिंग के काम भी आता है. भारत में इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर शोध हो रहा है. लेकिन इसके उत्पादक किसानों को कैसे अच्छा दाम मिलेगा इसे लेकर कोई काम नहीं हुआ है.
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