
पिछले दो साल से भारत में प्याज अपने कम दाम की वजह से चर्चा में बना हुआ है. किसानों को कहीं पर 1 रुपये तो कहीं 2 रुपये किलो का भाव मिल रहा है. इसकी वजह से प्याज की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक महाराष्ट्र में किसान अब प्याज की खेती छोड़ने की कसम तक खाने लगे हैं. क्योंकि वहां की किसी न किसी मंडी में आपको अब भी यही रेट मिलेगा. किसानों का कहना है कि वो इसकी खेती छोड़ देंगे तो खाद्य तेलों और दलहन की तरह प्याज के मामले में भी भारत आयातक हो जाएगा. लेकिन, किसानों को दर्द देते कम दाम के बीच अभी भारत प्याज की खेती का बादशाह है. हमारे यहां उगाए गए प्याज से कम से कम 75 देशों में खाने का तड़का लगाया जाता है और इससे हम डॉलर कमाते हैं.
किसानों का आरोप है कि प्याज का एक्सपोर्ट कम हो गया है तो दूसरी ओर कुछ अर्थशस्त्रियों का मानना है कि उत्पादन बहुत ज्यादा हो गया है. इस वजह से दाम गिरा है. उत्पादन बढ़ने की बात पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट भी मुहर लगा रही है. ऐसे में हमें सबसे पहले यह देखने की जरूरत है कि क्या इसका एक्सपोर्ट कम हो गया है? दुनिया के प्याज उत्पादन में हम कहां पर खड़े हैं और इससे कितनी विदेशी मुद्रा कमाते हैं.
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एपीडा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि दुनिया भर में भारतीय प्याज की काफी मांग है. देश ने वर्ष 2022-23 के दौरान दुनिया भर में 2,525,258 मीट्रिक टन ताजा प्याज का निर्यात किया है. जिसकी कीमत 4,522.79 करोड़ रुपये है. यह किसानों का भ्रम है कि एक्सपोर्ट कम हुआ है. सच तो यह है कि एक्सपोर्ट लगातार बढ़ा है. प्याज का एक्सपोर्ट पिछले एक साल में ही एक हजार करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गया है. आगे इसे और बढ़ने का अनुमान है.
सउदी अरब, इंग्लैंड, अमेरिका, स्पेन, कनाडा, इटली, इरान, फ्रांस, रोमानिया, लेबनान, ताईवान, सेनेगल, बेल्जियम और पोलैंड सहित 75 देशों में भारत से प्याज का एक्सपोर्ट होता है. यानी इतने देशों के लोग भारत के किसानों का उगाया प्याज खाते हैं. लेकिन, जिन देशों में सबसे ज्यादा लोग भारत से प्याज मंगाते हैं उनमें बांग्लादेश पहले नंबर पर है. इसके बाद मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका और नेपाल शामिल हैं.
भारत में एक्सपोर्ट के लिए गुणवत्तापूर्ण प्याज की छंटाई, ग्रेडिंग और पैकिंग के लिए आधुनिक पैक हाउस इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में उपलब्ध हैं. पहचाने गए कीटनाशकों के लिए अधिकतम अवशेष स्तर (एमआरएल) के अनुपालन को निर्धारित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं. ताकि एक्सपोर्ट में दिक्कत न आए.
संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने साल 2020 तक के रिकॉर्ड के आधार पर भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश बताया है. विश्व के प्याज उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 24.95 फीसदी है. भारतीय प्याज अपने तीखेपन के लिए प्रसिद्ध है और साल भर उपलब्ध रहता है. भारतीय प्याज के दो फसल चक्र होते हैं, पहली कटाई जो नवंबर से जनवरी तक शुरू होती है और दूसरी कटाई जनवरी से मई तक होती है. महाराष्ट्र में इसकी तीन फसल ली जाती है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. जबकि भारत का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है. इसके बाद मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा का नंबर आता है. साल 2021-22 में प्याज उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 42.53 फीसदी थी. उसके बाद 15.16 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है. भारत में प्याज की खेती का लगातार विस्तार हो रहा है. इसलिए उत्पादन भी बढ़ रहा है. नासिक के लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है.
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