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Mann ki Baat: खेती, पानी और स्टार्टअप पर PM मोदी ने कहीं ये 5 बड़ी बात, इन लोगों की हुई खूब तारीफ

Mann ki Baat: खेती, पानी और स्टार्टअप पर PM मोदी ने कहीं ये 5 बड़ी बात, इन लोगों की हुई खूब तारीफ

Mann ki Baat: पीएम मोदी ने आज 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने फर्मिंग, जल संरक्षण और स्टार्टअप के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करने वाले लोगों का भी जिक्र किया. जिसमें उन्होंने सबसे ज्यादा सबका ध्यान जल संरक्षण की ओर खींचा. ऐसे में आइए जानते हैं ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 101 वें एपिसोड में पीएम मोदी ने किन-किन बातों और लोगों का जिक्र किया है- 

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पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को किया संबोधित पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को किया संबोधित

Mann ki Baat: पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, “इस बार ‘मन की बात’ का ये एपिसोड सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ है. पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है. आप सबकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है. आप सभी ने जो आत्मीयता और स्नेह ‘मन की बात’ के लिए दिखाया है, वो अभूतपूर्व है, भावुक कर देने वाला है.” इसके अलावा ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने फर्मिंग, जल संरक्षण और स्टार्टअप के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करने वाले लोगों का भी जिक्र किया. जिसमें उन्होंने सबसे ज्यादा सबका ध्यान जल संरक्षण की ओर खींचा. इसके लिए उन्होंने देश में निर्मित अमृत सरोवरों का जिक्र किया. साथ ही जल संरक्षण से जुड़े Start-Ups का भी जिक्र किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने जल संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन और लोगों का भी जिक्र किया. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कृषि क्षेत्र से जुड़े वो कौन-कौन से कार्य और लोग हैं जिनका पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 101 वें एपिसोड में जिक्र किया है- 

‘जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवरों का निर्माण’ 

पीएम मोदी ने कहा, “ हम सबने एक कहावत कई बार सुनी होगी, बार-बार सुनी होगी - बिन पानी सब सून. बिना पानी जीवन पर संकट तो रहता ही है, व्यक्ति और देश का विकास भी ठप्प पड़ जाता है. भविष्य की इसी चुनौती को देखते हुए आज देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है. वहीं अब तक 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण भी हो चुका है. ये जल संरक्षण की दिशा में बहुत बड़ा कदम है.”

देश में जल संरक्षण से जुड़े स्टार्टअप का जिक्र 

जल संरक्षण से जुड़े Start-Ups का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “एक स्टार्टअप है FluxGen. ये Start-Up IOT enabled तकनीक के जरिए water management के विकल्प देता है. ये technology पानी के इस्तेमाल के patterns बताएगा और पानी के प्रभावी इस्तेमाल में मदद करेगा. एक और स्टार्टअप है LivNSense. ये artificial intelligence और machine learning  पर आधारित प्लेटफॉर्म है. इसकी मदद से water distribution की प्रभावी निगरानी की जा सकेगी. इससे ये भी पता चल सकेगा कि कहां कितना पानी बर्बाद हो रहा है.

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पीएम मोदी ने कुंभी कागज का किया जिक्र 

पीएम मोदी ने आगे कहा, "एक और Start-Up है ‘कुंभी कागज’. ‘कुंभी कागज’ ने एक विशेष काम शुरू किया है. वे जलकुंभी से कागज बनाने का काम कर रहे हैं, यानी, जो जलकुंभी, कभी, जलस्त्रोतों के लिए एक समस्या समझी जाती थी, उसी से अब कागज बनने लगा है.”

‘जल संरक्षण के क्षेत्र में इनोवेशन का जिक्र’ 

जल संरक्षण के क्षेत्र में इनोवेशन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “कई युवा ऐसे भी हैं जो समाज को जागरूक करने के मिशन में भी लगे हुए हैं जैसे कि छत्तीसगढ़ में बालोद जिले के युवा हैं. यहां के युवाओं ने पानी बचाने के लिए एक अभियान शुरु किया है. ये घर-घर जाकर लोगों को जल-संरक्षण के लिए जागरूक करते हैं. कहीं शादी-विवाह जैसा कोई आयोजन होता है, तो युवाओं का ये ग्रुप वहां जाकर, पानी का दुरूपयोग कैसे रोका जा सकता है, इसकी जानकारी देता है.” पीएम मोदी ने आगे कहा, “पानी के सदुपयोग से जुड़ा एक प्रेरक प्रयास झारखंड के खूंटी जिले में भी हो रहा है. खूंटी में लोगों ने पानी के संकट से निपटने के लिए बोरी बांध का रास्ता निकाला है. बोरी बांध से पानी इकट्ठा होने के कारण यहां साग-सब्जियां भी पैदा होने लगी हैं. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ रही है, और  इलाके की जरूरतें भी पूरी हो रही है.”

कृषि क्षेत्र में काम करने वाले पूर्व सैनिक का जिक्र 

पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. बाद में अटल जी ने इसमें जय विज्ञान भी जोड़ दिया था. कुछ वर्ष पहले, देश के वैज्ञानिकों से बात करते हुए मैंने जय अनुसंधान की बात की थी. ‘मन की बात’ में आज बात एक ऐसे व्यक्ति की, एक ऐसी संस्था की, जो, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान, इन चारों का ही प्रतिबिंब है. ये सज्जन हैं, महाराष्ट्र के शिवाजी शामराव डोले. शिवाजी डोले, नासिक जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. वो गरीब आदिवासी किसान परिवार से आते हैं, और एक पूर्व सैनिक भी हैं. फौज में रहते हुए उन्होंने अपना जीवन देश के लिए लगाया. रिटायर होने के बाद उन्होंने कुछ नया सीखने का फैसला किया और Agriculture में Diploma किया, यानी वो, जय जवान से, जय किसान की तरफ बढ़ चले.

अब हर पल उनकी कोशिश यही रहती है कि कैसे कृषि क्षेत्र में अपना अधिक से अधिक योगदान दें. अपने इस अभियान में शिवाजी डोले जी ने 20 लोगों की एक छोटी-सी टीम  बनाई और कुछ पूर्व सैनिकों को भी इसमें जोड़ा. इसके बाद उनकी इस टीम  ने Venkateshwara Co-Operative Power & Agro Processing Limited नाम की एक सहकारी संस्था का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया. 

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आज ये टीम महाराष्ट्र और कर्नाटक में काम कर रही है. इससे करीब 18 हजार लोग जुड़े हैं. नासिक के मालेगाँव में इस टीम के सदस्य 500 एकड़ से ज्यादा जमीन में Agro Farming कर रहे हैं. ये टीम जल संरक्षण के लिए भी कई तालाब भी बनवाने में जुटी है. खास बात यह है कि इन्होंने Organic Farming और Dairy भी शुरू की है. अब इनके उगाए अंगूरों को यूरोप में भी export किया जा रहा है. इस team की जो दो बड़ी विशेषतायें हैं, जिसने मेरा ध्यान आकर्षित किया है, वो ये है- जय विज्ञान और जय अनुसंधान. इसके सदस्य technology और Modern Agro Practices का अधिक से अधिक उपयोग कर रहे हैं. दूसरी विशेषता ये है कि वे एक्सपोर्ट के लिए जरुरी कई तरह के certifications पर भी फोकस कर रहे है.