कहते हैं कि अगर कुछ नया और बड़ा करने की चाहत हो तो फिर कोई भी परेशानी कभी मंजिल की रुकावट नहीं बन सकती. ऐसी ही एक कहानी है मेघालय की रहने वालीं सिल्मे मार्क की. सिल्मे आज अपने राज्य ही नहीं देश के लिए नजीर बनकर उभरी हैं. उन्होंने दो हेक्टेयर के तालाब में मछली पालन शुरू करने के साथ ही उसे एक पिकनिक स्पॉट का रूप भी दे दिया. इस तरह से सिल्मे ने एक तालाब से डबल इनकम के दो रास्ते भी तैयार कर लिए हैं. कुछ वक्त पहले ही मछली और पशुपालन मंत्री परषोत्तम रूपाला ने भी सिल्मे के तालाब का निरीक्षण किया था.
सिल्मे मेघालय में गारो हिल्स जिले के जोलगांव की रहने वाली हैं. उनकी पहचान एक प्रगतिशील मछली पालक के रूप में है. मछली पालक के साथ ही सिल्मे की पहचान आईलैंड वाले पिकनिक स्पॉट की मालकिन के रूप में भी है. ऐसा दावा किया जाता है कि जो प्रयोग सिल्मे ने किया है वो देश में अनूठा और पहला है.
ये भी पढ़ें- Egg Expiry Date: अब बिना तोड़े करें पता अंडा खराब है या सही? ऐसे चेक होगी एक्सपायरी डेट
सिल्मे का जोलगांव में दो हेक्टेयर का तालाब है. साल 2018 में सिल्मे को नीली क्रांति एकीकृत विकास और मत्स्य पालन की प्रबंधन योजना के तहत मछली पालन विभाग ने अपने साथ जोड़ा. योजना का लाभ भी दिया. 80 फीसद की सब्सिडी के साथ सिल्मे को 8.5 लाख रुपये की सहायता मिली. सिल्मे अपने तालाब में इंडियन मेजर कार्प्स और एग्जोटिक कार्प्स का पालन करती हैं. इसके अलावा हर साल 10 हजार सीड का उत्पादन भी करती हैं. सिल्मे के तालाब को कोमेन झील के रूप में भी जाना जाता है. कोमेन सिल्मे के पिता का नाम है.
साल 2020 में पहली बार सिल्मे का तालाब पर्यटकों की नजर में आया था. यह वो वक्त था जब सिल्मे ने तालाब को सजाना शुरू किया था. तालाब पर ही सिल्मे ने छोटे लेकिन पारंपरिक घर बनाए, सुंदर पौधों और सजावटी सामान से तालाब को सजाना शुरू कर दिया. बोटिंग और स्पोर्ट्स फिशिंग जैसी एक्टिविटी भी तालाब पर शुरू हो गईं.
ये भी पढ़ें- बकरी की मेंगनी भी कराती है हर महीने 8 से 10 हजार रुपये की इनकम, जानें कैसे
जिसका नतीजा यह हुआ कि जल्द तालाब की चर्चा गारो हिल्स में होने लगी. सिल्मे ने तालाब को एक्वा पार्क का लुक भी दिया. एक्वा पार्क में पर्यटकों को एक नया ही लुक देखने को मिलता है. खासतौर पर बच्चे और नौजवान यहां आकर बहुत ही खुश होते हैं. बड़ों को यहां प्राकृतिक वातावरण के साथ ही सुकून मिलता है.
सिल्मे की मानें तो वो अपने तालाब में हर साल सात से आठ हजार किलो मछली का उत्पादन कर लेती हैं. यह मछली बाजार में 200 से 250 रुपये किलो के भाव से बिक जाती है. इस तरह से एक साल में सिर्फ मछलियों से ही 15 से 20 लाख रुपये की इनकम हो जाती है. अब बात करते हैं पिकनिक स्पॉट की. बोटिंग करने के लिए आने वालों से एक दिन में अच्छी खासी इनकम हो जाती है. वहीं टिकट से आम दिनों में दो से तीन हजार रुपये रोजाना और शनिवार-इतवार को 10 से 15 हजार रुपये की इनकम होती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today