इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल प्लेटफॉर्म 'किसान तक' की लॉन्चिंग नई दिल्ली में आयोजित एक खास प्रोग्राम में की गई. इसके लिए किसान तक समिट का आयोजन किया गया. किसान तक समिट की शुरुआत 'किसानों का भारत और भारत के किसान' सेशन के साथ हुआ. इस सेशन को डॉ. आरबी सिंह ने संबोधित किया. आरबी सिंह ने कृषि से जुड़ी तमाम सफलताओं के बारे में जिक्र किया और बताया कि पहले से अब तक भारत खेती-बाड़ी में कहां तक पहुंच गया है. पद्म भूषण डॉ. आरबी सिंह ने बताया कि कृषि में विज्ञान का बड़ा रोल है और विज्ञान इसमें महती भूमिका निभा रहा है. डॉ. सिंह ने कहा कि साइंस का रोल इस मायने में और अहम हो जाता है क्योंकि वह किसानों तक डिलीवरी में बड़ी भूमिका निभाता है. डॉ. सिंह ने कहा कि भारत में कृषि को भी मध्य बिंदु बनाकर चलना होगा क्योंकि भारत देश किसानों का ही मुख्य तौर पर देश है.
डॉ. सिंह ने कहा कि हमारी आबादी का 60 परसेंट हिस्सा खेती-किसानी से जुड़ा हुआ है. 40 परसेंट रोजगार कृषि से आता है और रोजगार में 18 परसेंट कृषि की हिस्सेदारी है. इसे और बढ़ाने की जरूरत है. खेती में लगे किसान और जीडीपी में उनका योगदान विषमता की ओर इशारा करता है. हमें तेज दौड़ना है और हमारी सड़क उबड़-खाबड़ हो तो हम तेज नहीं दौड़ पाएंगे. अगर हमें देश को आगे बढ़ाना है, तो इतनी बड़ी आबादी जो किसान हैं, उन्हें पीछे नहीं छोड़ सकते हैं. इसलिए हमें किसानों की आमदनी बढ़ानी होगी.
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किसानों का भारत और भारत के किसान सेशन के बाद पशुधन-गांव का कामधेनु सेशन में अभिजीत मित्रा, एनिमल हसबेंडरी कमिश्नर ने कहा कि चार करोड़ रुपये देसी गाय को बचाने के लिए कैपिटल सब्सिडी देने की योजना है जिसे सरकार देगी. इसी कार्यक्रम में जे के जैना DDG फिशरीज, ने कहा कि 1950 के दशक में देश में मछली का उत्पादन 7.50 लाख टन था जो आज बढ़कर 62 लाख टन हो चुका है. यानी 21 गुना की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि कैटफिश का उत्पादन 40 से 80 टन हो रहा है. आज देश में 30 से 40 अलग-अलग प्रजाति का मछली पालन हो रहा है यहां तक कि आप समंदर में भी मछली पालन किया जा रहा है.
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जेके जैना ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में मछली का उत्पादन कम क्षेत्रफल में सबसे ज्यादा है जबकि आंध्र प्रदेश के ढाई लाख एकड़ क्षेत्रफल में कमर्शियल मछली पालन हो रहा है. रामपाल डांडा, अध्यक्ष पोल्ट्री फेडरेशन ने कहा कि पोल्ट्री क्षेत्र में कार्यरत कंपनियां एकतरफा किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट करती हैं. इससे कुछेक लोगों को ही फायदा होता है.
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आनंद डेयरी के चेयरमैन आरएस दीक्षित ने कहा कि डेयरी डिवीजन को उस ऊंचाई पर ले जाना है जो भारत की शान बन सके, ऐसी शिक्षा हमारे परिवार से मिली है. इस पर हम आगे बढ़ रहे हैं. दीक्षित ने कहा कि आज हमारी कंपनी उत्तर प्रदेश में बढ़-चढ़ कर काम कर रही है. दूध का उत्पादन और किसानों की आय कैसे बढ़ सके, इसके लिए आनंदा डेयरी लगातार काम रही है. एसबीआई, आनंदा और किसान मिलकर बुलंदशहर में बायोगैस प्लांट लगा रहे हैं. इसे पांच और जगहों पर लगाया जाएगा. इससे किसानों का गोबर खरीदा जाएगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
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