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Kisan Tak Summit: कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के अलावा विज्ञान को अपनाने की है जरूरत: पद्मश्री राजकुमार देवी

क‍िसान तक Noida | Mar 14, 2023, 6:19 PM IST

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इंडिया टुडे ग्रुप का डिजिटल चैनल 'किसान तक', 'किसान तक यूट्यूब' चैनल का उद्घाटन (kisantakofficial Youtube Channel), केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, 'किसान तक' डिजिटल वेबसाइट का उद्घाटन (Kisan Tak Digital Channel), केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला, 'किसान तक' है देश का पहला एग्रीकल्चर डिजिटल प्लेटफॉर्म, किसान तक समिट 2023 (Kisan Tak Summit 2023), दिल्ली में 'किसान तक समिट' (Kisan Tak Summit in Delhi), देश के पद्मश्री किसान (Padma Shri Awardee Farmers of India), किसान तक पर गांव और खेती- किसानी से जुड़ी हर जरूरी जानकारी, किसान तक समिट 2023 से जुड़ी खास खबरों के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Kisan Tak Summit 2023 Live Updates)-

6:12 PM(2 वर्ष पहले)

खेती में ज्यादा लाभ पाने के लिए विविधिकरण को अपनाया

Posted by :- vivek

पद्मश्री से सम्मानित सहारनपुर के प्रगतिशील किसान सेठपाल सिंह ने किसान तक समिट ने कहा कि खेती में मैंने ज्यादा लाभ पाने के लिए विविधिकरण के सिद्धांत को अपनाया और फ्रेंचबिन कि खेती की. गाँव के बराबर में मेरा खेत था. लोग मेरा मजाक उड़ाते थे. लेकिन बाद में उनके ये विचार बदल गए.

6:02 PM(2 वर्ष पहले)

खेती से ही हमारी गरीबी दूर हुई है: किसान चाची

Posted by :- vivek

किसान तक समिट में किसान चाची ने कहा कि खेती से ही हमारी गरीबी दूर हुई है. 1990 से ही वे खेती कर रही हैं, लेकिन पूसा कृषि संस्थान से बीज लेकर आए और नए तरीके से खेती शुरू की. किसान चाची ने कहा, मेरे पति पढ़े-लिखे नहीं थे और वे खैनी बेचते थे. लेकिन हमने सब्जी की खेती शुरू की और उसमें अच्छा मुनाफा कमाया. पूसा से बीज लाकर सब्जियों की खेती शुरू की. किसान चाची ने कहा कि आज किसानों में एकता नहीं है. अगर एकता रहती तो हमारी उपज का दाम सरकार तय नहीं करती बल्कि हम खुद तय करते क्योंकि हमलोग ही उत्पादन करते हैं. खेती-बाड़ी में किसान चाची ने अपने संघर्ष की पूरी कहानी बताई. 

5:46 PM(2 वर्ष पहले)

खेती में आत्मनिर्भर बनने के अलावा में विज्ञान को अपनाने की है जरूरत:  पद्मश्री राजकुमार देवी

Posted by :- vivek

पद्मश्री राजकुमार देवी को किसान चाची के नाम से भी जाना जाता है. पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किसान चाची महिला किसानों के लिये एक मिसाल हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली किसान चाची ने 'किसान तक समिट' में कहा कि किसानों को खेती में आत्मनिर्भर बनने के अलावा में विज्ञान को अपनाने की जरूरत है.

5:43 PM(2 वर्ष पहले)

'किसान तक समिट' में पद्मश्री से सम्मानित किसानों ने अपना अनुभव किया साझा

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'किसान तक समिट' के अंतिम सत्र में पद्मश्री किसान अपने अनुभव साझा कर रहे हैं. इनमें सहारनपुर के प्रगतिशील किसान सेठपाल सिंह, बुलंदशहर के भारत भूषण त्यागी, सोनीपत के कंवल सिंह चौहान, बांदा के उमाशंकर पांडे और बिहार की राजकुमारी देवी शामिल हैं.

5:37 PM(2 वर्ष पहले)

सहकारिता के माध्यम से बेरोजगारी और महंगाई से भी निजात पा सकते हैं: उमाकांत दाश

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प्रोफेशनल तरीके से हम बैंक को चलाना चाहिए जो हम नहीं चला पा रहे हैं. हर गांव में कोऑपरेटिव सोसाइटी बनेगी और इससे किसानों को लोन भी मिलेगा और उसके प्रोडक्ट को वैल्यू एडिशन के माध्यम से बाजार में अच्छा दाम मिलेगा. किसान के जेब में जब पैसा होगा तो बैंकों का लोन नहीं डूबेगा. सहकारिता के माध्यम से बेरोजगारी और महंगाई से भी निजात पा सकते हैं: उमाकांत दाश
 

5:33 PM(2 वर्ष पहले)

अभी देश में 192 एग्रीकल्चर के इंस्टीट्यूट हैं जो हर राज्य में मौजूद हैं: उमाकांत दाश

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देश में सहकारिता विश्वविद्यालय बनने से कॉपरेटिव के क्षेत्र में काफी ज्यादा तरक्की होगी.हालांकि अभी देश में 192 एग्रीकल्चर के इंस्टीट्यूट हैं जो हर राज्य में मौजूद हैं: उमाकांत दाश

5:28 PM(2 वर्ष पहले)

एनसीडीसी में युवा सहकार के माध्यम से 6 महीने में तीन करोड़ तक का लोन मिल सकेगा: आर विनिथा- एनसीडीसी  

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एनसीडीसी में युवा सहकार के माध्यम से बिना बैलेंस शीट के माध्यम से 3 महीने में ही लोन मिल सकेगा और 6 महीने में तीन करोड़ तक का लोन मिल सकेगा: आर विनिथा- एनसीडीसी  

5:25 PM(2 वर्ष पहले)

कोऑपरेटिव के माध्यम से डेयरी, फिशरीज और किसानों को भी दे रहे हैं लोन: आर विनिथा- एनसीडीसी

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1963 से एनसीडीसी काम कर रही है. कोऑपरेटिव के माध्यम से डेयरी, फिशरीज और किसानों को भी लोन दे रहे हैं. 6 जुलाई 1921 को सहकारिता मंत्रालय बनाया गया. पैक्स का कंप्यूटराइजेशन करना होगा. गांव में कॉपरेटिव संस्थाओं के पास कंप्यूटर तक नहीं है: आर विनिथा- एनसीडीसी
 

5:17 PM(2 वर्ष पहले)

किसान की आमदनी को बढ़ाना हमारा उद्देश्य हैं: श्रीचंद पाल यादव, चेयरमैन, कृभको

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देश में सहकारिता का बहुत बड़ा महत्व है. क्योंकि सहकारिता के माध्यम से ही उर्वरक और अच्छे बीज की आपूर्ति सही दाम में उपलब्ध हो रहा है. किसानों को इससे लाभकारी मूल्य मिल रहा है. किसान की आमदनी को बढ़ाना हमारा उद्देश्य हैं: श्रीचंद पाल यादव, चेयरमैन, कृभको

5:15 PM(2 वर्ष पहले)

देश में उर्वरक के उत्पादन लागत और विक्रय मूल में काफी बड़ा अंतर है: श्रीचंद पाल यादव

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देश में रॉक फास्फेट की कमी है. मैं भारत सरकार का धन्यवाद देता हूं, क्योंकि सरकार ने हमेशा से किसानों का साथ दिया है. एक बोरी यूरिया की कीमत ₹2000 आती है लेकिन सरकार इसे ₹266 में किसानों को देती है. देश में उर्वरक के उत्पादन लागत और विक्रय मूल में काफी बड़ा अंतर है: श्रीचंद पाल यादव, चेयरमैन,  कृभको

5:14 PM(2 वर्ष पहले)

खेती का व्यवसाय किसान को लाभकारी तरीके से करना होगा: श्रीचंद पाल यादव

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खेती का व्यवसाय किसान को लाभकारी तरीके से करना होगा, क्योंकि फसल की लागत बढ़ रही है.एमएसपी भी सही नहीं मिल रही है: श्रीचंद पाल यादव, चेयरमैन,  कृभको

5:13 PM(2 वर्ष पहले)

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प्रोफेशनल की कमी को दूर करके ही कॉपरेटिव को कॉर्पोरेट सेक्टर की तरह बनाया जा सकता है. प्रोफेशनल की कमी को दूर करने के लिए कॉपरेटिव यूनिवर्सिटी मील का पत्थर साबित होगी: उमाकांत दाश

5:09 PM(2 वर्ष पहले)

देश के लिए सबसे बड़ा चैलेंज ट्रेंड और प्रोफेशनल की कमी हैं: उमाकांत दाश- निदेशक इरमा

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1979 में कोरियन जी ने इरमा का गठन किया था. देश के लिए सबसे बड़ा चैलेंज ट्रेंड और प्रोफेशनल की कमी हैं: उमाकांत दाश- निदेशक इरमा

5:04 PM(2 वर्ष पहले)

देश में 8.54 लाख हैं कोऑपरेटिव: बिनोद आनंद

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देश में 8.54 लाख कोऑपरेटिव हैं और अभी देश में तीन लाख और कोऑपरेटिव बनने हैं. विश्व में सबसे बड़ी कोऑपरेटिव संस्था इफको है: बिनोद आनंद, सदस्य, एमएसपी कमेटी

4:50 PM(2 वर्ष पहले)

एमएसपी बाजार और बाजार के नियमों के आधार पर तय हो- बिनोद आनंद

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क्या किसान बिल लेकर कीटनाशक खरीदते हैं?. किसानों को अपना अनाज लेकर कहीं भी जाने की छूट होनी चाहिए. एमएसपी बाजार और बाजार के नियमों के आधार पर तय हो- बिनोद आनंद, सदस्य, एमएसपी कमेटी

 

4:49 PM(2 वर्ष पहले)

किसानों को फसलों की पूरी कीमत मिले: सरदार वीएम सिंह

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किसान को निजी क्षेत्र से मतलब नहीं है. उसे बस उपज की कीमत सही मिले. 200 साल पहले कोई निजी क्षेत्र नहीं था. लेकिन तब किसानों के दम पर सोने की चिड़िया था. देश में 5 करोड़ गन्ना किसान हैं. किसान के पास जब माल होता है तब कीमत बहुत कम मिलती है. हम यह नहीं कह रहे कि सब सरकार खरीदे. बस फसल की कीमत पूरी मिले. क्या किसानों को एमएसपी लेने का भी हक नहीं है?: राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह

4:46 PM(2 वर्ष पहले)

किसानों के एकजुट नहीं होने की वजह से उठाया जाता है फायदा: सरदार वीएम सिंह

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दुर्भाग्य से देश का किसान एकजुट नहीं है. इसी का फायदा उठाया जाता है. सबसे पहले धान पर एमएसपी के लिए हमने साल 2000 में आंदोलन किया. उससे पहले यूपी में धान पर एमएसपी नहीं था: राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह

4:44 PM(2 वर्ष पहले)

किसान आंदोलन बेहद प्लानिंग के साथ किया गया था: बिनोद आनंद, सदस्य, एमएसपी कमेटी

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अंग्रेजों के समय कृषि और रेवेन्यु विभाग होता था. बाद में यह कृषि और कल्याण मंत्रालय बना. 6 जून को मंदसौर में गोली चली. 7 जून को 11.23 मिनट पर मानवाधिकार आयोग में अर्जी लग गई. किसान आंदोलन बेहद प्लानिंग के साथ किया गया था. आंदोलनों की एक वैल्यू चेन होती है - बिनोद आनंद, सदस्य, एमएसपी कमेटी

 

4:42 PM(2 वर्ष पहले)

किसान आंदोलन किसानों के लिए नुकसानदायक बना- कंवल सिंह

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किसान आंदोलन में किसानों को बहकाया गया. पक्ष-विपक्ष हुआ. हमारे देश में मुद्दों को ना देखकर पक्ष-विपक्ष देखा जाता है. किसान आंदोलन किसानों के लिए नुकसानदायक बना- कंवल सिंह, पद्मश्री किसान

4:42 PM(2 वर्ष पहले)

कंपनियां किसानों से सीधा फसल खरीदें तो आमदनी बढ़ेगी: कंवल सिंह

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किसानों को फसल बेचने की आजादी होनी चाहिए. मंडी तक पहुंचने और प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने में 25 प्रतिशत लागत बढ़ जाती है. कंपनियां किसानों से सीधा फसल खरीदें तो आमदनी बढ़ेगी: कंवल सिंह, पद्मश्री किसान