नकली बीज की समस्या से परेशान किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है. महाराष्ट्र सरकार इसके लिए एक कानून लेकर आ रही है. राज्य में बड़ी संख्या में किसान नकली बीजों की समस्या से परेशान है. पिछले महीने ही केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा के महाराष्ट्र दौरे के दौरान किसानों ने यह मुद्दा उठाया था. किसान दाम पूरा देते हैं लेकिन बीजों का जमाव कम होता है. कुछ किसान बीज कंपनियों पर वायरस वाला बीज सप्लाई होने का आरोप लगा रहे हैं, जिससे फसल में कीटनाशकों का अधिक छिड़काव करना पड़ रहा है. फिलहाल, देखना ये है कि राज्य सरकार की पहल से किसानों को कितनी राहत मिलती है.
अकोला जिले में एक कार्यक्रम में कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार पहुंचे थे. जंहा पर सत्तार ने कहा कि जिन लोगों के पास नकली बीज है या नकली दवाएं हैं या खाद है वो तुरंत नष्ट करदे. नहीं तो मैं पूरी रिपोर्ट राज्यपाल को दूंगा और उन सबका लाइसेंस रद कर दिया जाएगा. आगे सत्तार ने कहा कि आने वाले सत्र में एक कानून भी लाया जाएगा कि फर्जी सामान बेचने वालों को कम से कम 10 साल की सजा होगी.
कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि हमने किसान अत्महत्या रोकने के लिए दिन किसानों के लिए गतिविधि की है जिसमें प्रदेश के 16 हजार सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों ने किसानों के बांध पर जाकर उनकी समस्या को समझा इसमें सुबह से रात तक किसानों की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है. इस बीच हमने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में खरीफ सीजन की समीक्षा बैठक भी की. हमें इस समय निकली बीज के बिक्री को लेकर अकोला, जालना, परभणी जिले से शिकायतें भी मिलीं हैं जिसके बाद हमारे अधिकारियों ने 87 जगहों पर छापेमारी की, जिसमें से 68 जगहों पर अनियमितताएं पाई गई. इसके अलावा ऐसी खबरे थी कि हमारे अधिकारी कुछ जगहों पर पैसे भी ले रहे थे. जिसके बाद मैंने पुलिस को फोन किया और उनके खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश दिया. सत्तार ने यह भी कहा कि अगर किसान हमारे किसी अधिकारी को पैसे लेते हुए पाया जाता है, तो उन्हें कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए.
ये भी पढ़ें- Mandi Rates: केले का दुश्मन बना आम, बुरी तरह घट गए दाम, जानिए किस मंडी में कितना चल रहा है रेट
कृषि मंत्री ने कहा कि नकली बीज बेचने वालों के खिलाफ खिलाफ जल्दी कानून बनेगा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा के बाद प्रस्ताव को राज्यपाल के पास ले जाया जाएगा. इसके लिए दो महीने के लिए पुलिस, राजस्व और कृषि विभाग की एक विशेष टीम गठित की जाए. इससे सारे फर्जीवाड़े बेनकाब हो जाएंगे और जो दोषी पाया जाएगा उसे 10 साल की सजा होगी.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today