प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एक बड़ी घोषणा की. उन्होंने लाल किले की प्राचीर से ऐलान किया कि वे दिवाली पर देश को एक बड़ा उपहार देने जा रहे हैं. और यह उपहार होगा जीएसटी में बदलाव का. इस बदलाव से आम जनों को राहत मिलेगी क्योंकि टैक्स की दर में कटौती होगी. इसी में कृषि उपकरण भी शामिल हैं जिन पर अभी जीएसटी की दरें अधिक हैं. जीएसटी में कटौती के बाद ऐसे सामान सस्ते हो जाएंगे और किसानों को बेहद कम कीमत पर कृषि उपकरण मिलेंगे.
केंद्र सरकार ने माल एवं सेवा कर यानी GST में बड़े बदलाव का प्रस्ताव दिया है. सूत्रों की मानें तो केवल दो तरह के टैक्स 5 परसेंट और 18 परसेंट का सुझाव दिया है. इसके अतिरिक्त तंबाकू और पान मसाला जैसी घातक वस्तुओं पर 40 परसेंट तक टैक्स लगाने की सिफारिश की है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल को भेजा गया है जिसे लेकर सितंबर में दो दिन की बैठक होने वाली है. बैठक में इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में दिवाली तक "अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार" लागू करने की योजना की घोषणा की. लाल किले से प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं इस दिवाली एक बड़ा तोहफा देने जा रहा हूं. पिछले आठ वर्षों में, हमने एक बड़ा जीएसटी सुधार लागू किया है और टैक्सों को सरल बनाया है. अब, इसकी समीक्षा का समय आ गया है. हमने इसे पूरा कर लिया है, राज्यों से परामर्श किया है, और अब 'अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार' को लागू करने के लिए तैयार हैं."
सूत्रों की मानें तो इस टैक्स बदलाव योजना में कृषि प्रोडक्ट, स्वास्थ्य से जुड़ी जीचें, हस्तशिल्प और बीमा पर टैक्स में कटौती शामिल है. सरकार का मानना है कि इस कदम से उपभोग बढ़ेगा और आर्थिक विकास को तेजी मिलेगी. अभी जीएसटी में पांच मुख्य स्लैब हैं - 0%, 5%, 12%, 18% और 28%. 12% और 18% स्लैब स्टैंडर्ज रेट हैं, जो वस्तुओं और सेवाओं के एक बड़े हिस्से को कवर करती हैं. अभी सरकार टैक्स रेट में जिस सुधार का प्रस्ताव लेकर आई है उसका उद्देश्य 12% स्लैब को हटाकर उन वस्तुओं को 5% और 18% की कैटेगरी में शामिल करना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह दिवाली का तोहफा होगा, क्योंकि लोगों के लिए जरूरी सेवाओं पर टैक्स में भारी कमी की जाएगी. एमएसएमई को फायदा होगा, रोजमर्रा की जरूरतों के सामान सस्ते होंगे और इससे अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा."
सूत्रों ने बताया कि संशोधित ढांचे के तहत स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी जरूरी सेवाएं और भी किफायती हो जाएंगी. हालांकि सरकार मानती है कि कम जीएसटी दरें अस्थायी रूप से रेवेन्यू पर असर डाल सकती हैं, लेकिन उसे उम्मीद है कि आगे चलकर ज्यादा बिक्री और बेहतर अनुपालन से नुकसान की भरपाई हो जाएगी. सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में फाइनल स्ट्रक्चर पर फैसला होगा, जिसे दिवाली से पहले लागू करने का लक्ष्य रखा गया है.
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