ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में किसान ने खेत में बो दी अफीम, पर्दे में छिपाकर कर रहा था करोड़ों की खेती

ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में किसान ने खेत में बो दी अफीम, पर्दे में छिपाकर कर रहा था करोड़ों की खेती

महाराष्ट्र के बुलढाना में क्राइम ब्रांच अफीम की खेती का पर्दाफाश किया है. 22 फरवरी के तड़के क्राइम ब्रांच की टीम बुलढाना के अंढेरा गांव के एक खेत में पहुंची थी. खेत के कुछ भाग पर बड़ा सा जालीनुमा पर्दा लगा हुआ था. जैसे ही पुलिस कर्मचारियों ने उस पर्दे को हटाया तो उनके भी होश उड़ गए. लगभग 11 हजार स्क्वायर फीट में अफीम के सैकड़ों पौधे लगे हुए थे. 

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ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में किसान ने खेत में बो दी अफीम, पर्दे में छिपाकर कर रहा था करोड़ों की खेतीकिसान ने खेत में बो रखी थी अफीम की फसल

महाराष्ट्र के बुलढाना में क्राइम ब्रांच अफीम की खेती का पर्दाफाश किया है. 22 फरवरी के तड़के क्राइम ब्रांच की टीम बुलढाना के अंढेरा गांव के एक खेत में पहुंची थी. खेत के कुछ भाग पर बड़ा सा जालीनुमा पर्दा लगा हुआ था. जैसे ही पुलिस कर्मचारियों ने उस पर्दे को हटाया तो उनके भी होश उड़ गए. लगभग 11 हजार स्क्वायर फीट में अफीम के सैकड़ों पौधे लगे हुए थे. 

1500 क्विंटल से ज्यादा के अफीम के पौधे
पुलिस अधिकारी अशोक लांडे ने बताया कि उन्हें गुप्त जानकारी मिली थी कि अंढेरा गांव के संतोष सानप नाम के व्यक्ति ने अपने खेत में 8 बोरी अफीम की बुआई की है, वह भी बिना परमिशन के. हमने वहां छापा मारा और वहां हमें अफीम के पौधे मिले. कृषि अधिकारियों का कहना है कि ये अफीक के पौधे ही हैं और इनका वजन 1500 क्विंटल से ज्यादा है. बाजार में इसकी कीमत 12 करोड़ से ज्यादा होने आशंक भी जताई गई है. इस मामले में संतोष सानप नामक किसान को गिरफ्तार किया गया है और उसपर NPDS के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है.

बारामती में भी बड़ी कार्रवाई
ऐसी ही एक खबर बारामती से भी सामने आई है जहां खेती मे लगातार हो रहे नुकसान से तंग आकर ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मक्के की खेती की आड़ में कई किसानों ने अफीम की खेती शुरू कर दी थी. महाराष्ट्र के पुणे जिले के इंदापुर तालुका के न्हावी गांव में कुछ किसानों ने अपने खेतों में समूह बनाकर अफीम की खेती की थी. पुणे ग्रामीण पुलिस को गोपनीय मुखबिर से इसकी जानकारी मिलने के बाद वालचंद नगर पुलिस और एलसीबी की टीम ने संयुक्त कार्रवाई की. जिसमें तीन किसानों को गिरफ्तार कर लिया है.

पुणे जिले के इंदापुर तालुका के न्हावी गांव के मकई के खेतों में अफीम की खेती की जाती थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 883 किलोग्राम वजनी अफीम के पौधे जब्त किए हैं, जिनकी कीमत कुल 27 लाख 56 हजार 460 रुपए है और तीन लोगों को हिरासत में लिया है. गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम रतन कुंडलिक मारकड, बालू बाबूराव जाधव और कल्याण बाबूराव जाधव हैं. इन तीनों के खिलाफ वालचंदनगर पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस का मामला दर्ज किया गया है.

खेती में लगातार हो रहे नुकसान से तंग आ गए थे किसान
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, खेती में लगातार हो रहे नुकसान के कारण यह किसान तंग आए थे. इसलिए उन्होंने एक ही खेत में दो फसल उगाने का फैसला किया था. और मक्के की खेती के आड़ में इन्होंने झटपट और ज्यादा मुनाफा देने वाले अफीम की खेती करने का फैसला किया. मक्के की फसल में इन तीनों ने अफीम लगे लेकिन जैसे ही अफीम की फसल को फूल लगे तो आजू-बाजू के इलाके में ये बात फैल गई और पुलिस को किसी ने इसकी जानकारी दे दी. पुणे पुलिस की एलसीबी टीम ने इस अफीम की खेती पर कारवाई कर 27 लाख 56 रुपये का अफीम जप्त कर लिया है.

अफीम की खेती के लिए कैसे मिलते हैं बीज और लाइसेंस?
अफीम की खेती करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होता है. अगर कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस इसका एक पौधा भी उगाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है. अफीम की खेती के लिए लाइसेंस सरकार द्वारा तय किया जाता है. अफीम की खेती को लेकर हर किसी के मन में बहुत से सवाल होते हैं. हालांकि, अफीम का उपयोग कई तरह की दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है. लेकिन इसका इस्तेमाल नशा करने के लिए भी किया जाता है. इसलिए इसकी खेती सिर्फ सरकारी लाइसेंस लेकर ही की जा सकती है. बिना लाइसेंस इसकी खेती कानूनी रूप से अपराध है, जिस पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

दरअसल, अफीम की खेती सरकार द्वारा बनाए गए नियम और शर्तों के आधार पर की जाती है. इसके बीज भी इतनी आसानी से हर किसी को नहीं मिल सकते हैं. अफीम की खेती रबी की सीजन में यानी सर्दियों में की जाती है. इसकी फसल की बुआई अक्टूबर-नवंबर महीने में की जा जाती है.
 

 

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