
मध्य प्रदेश सरकारी संयुक्त मोर्चा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर प्रदेशभर की राशन दुकानों पर ताले पड़ गए हैं. प्रदेश में राशन की दुकानें बंद होने से किसानों को मिलने वाली यूरिया खाद, कृषि ऋण अधर में आ गया है. वहीं दूसरी ओर गेहूं-चावल के लिए आम उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ रहा है. कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें शासकीय कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए. साथ ही नियमित वेतनमान मिले और पेंशन की सुविधा दी जाए. इसको लेकर खरगोन जिले में 128 सहकारी समितियों के करीब 1500 कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन स्थानीय टैगोर पार्क पर घंटों प्रदर्शन किया.
दरअसल सहकारी समिति संयुक्त मोर्चा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर प्रदेश भर के लगभग 55 हजार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. प्रदेशव्यापी हड़ताल के चलते गांव-गांव में खुलने वाली राशन दुकानें मंगलवार से बंद हैं. इससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा दूसरी और कम कीमत में मिलने वाला गेहूं-चावल नहीं मिलने से उपभोक्ताओं को राशन बाजार से महंगे दामों पर राशन खरीदना पड़ रहा है. इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
खरगोन शहर के टैगोर पार्क में जिलेभर की सहकारी समितियों के सैकड़ों कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन घंटों प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. इसमें जिला अध्यक्ष लखन चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि 24 अगस्त तक हमारी मांगें नहीं मानी गई तो प्रदेशभर के 55 हजार कर्मचारी भोपाल में मुख्यमंत्री सचिवालय का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे.
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राज्य के कर्मचारियों का कहना है सहकारी समिति में कार्यरत प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, लेखपाल, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्यून आदि कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. कार्यरत कर्मचारियों को शासन द्वारा अभी तक शासकीय कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया है. नियमित वेतनमान नहीं दिया गया है और पेंशन की सुविधा भी नहीं दी जा रही है.
शाजापुर में गरीबी रेखा वाले राशन कार्ड पर प्रधानमंत्री योजना का गेहूं बंद होने से पीले राशन कार्डधारियों को 14 किलो गेहूं ही मिल रहा है. पहले ये गेहूं प्रति व्यक्ति 35 किलो मिलता था. वहीं गेहूं कम करने के साथ चावल की मात्रा बढ़ाकर 21 किलो कर दी गई है जो पहले सात किलो प्रति व्यक्ति मिलता था. इस प्रकार हरे राशन कार्ड पर पांच किलो मिलने वाला गेहूं अब दो किलो कर दिया गया है. इसको लेकर लोगो का कहना है कि चावल की मात्रा बढ़ा दी गई लेकिन गेहूं कम कर दिया है. कम गेहूं मिलने से गरीबी रेखा के पीले रशान कार्ड वालों को दिक्क़त हो रही है. वहीं जिला खाद्य विभाग का कहना है कि सरकार के जो आदेश हैं, वही दे सकते हैं.
प्रेम नगर निवासी किसान राम सिंह का कहना है कि हड़ताल के कारण बहुत दिक्कत आ रही है. खाद भी नहीं मिल रही, गेहूं चावल भी नहीं मिल रहे हैं. महंगे में बाजार से खरीद कर लाना और खाना पड़ रहा है. वहीं जैतापुर निवासी उपभोक्ता विजय का कहना है कि सोसाइटी की हड़ताल चलने से बहुत दिक्कत आ रही है. गेहूं चावल नहीं मिलने से बाजार से गेहूं खरीदना पड़ रहा है. किसानों को खाद भी नहीं मिल रहा है.
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