प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की जाने वाली क्रॉप कटिंग की रेंडम सूची अभी तक जारी नहीं की गई हैं. इससे किसानों की फसलों में हो रहे नुकसान का आंकलन नहीं हो पा रहा है और वे पीएम फसल बीमा योजना के तहत मिलने वाले मुआवजे से बाहर हो रहे हैं. प्रदेश में किसान इस रेंडम सूची को जारी करने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि कीटों का असर होने से पश्चिमी राजस्थान में मूंग की फसल काफी प्रभावित हुई है.
इसीलिए किसान जल्द से जल्द क्रॉप कटिंग की रेंडम सूची जल्द जारी करने की मांग कर रहे हैं.
पश्चिमी राजस्थान में खरीफ सीजन में बाजरा और मूंग दो बड़ी फसलें हैं. इस साल वहां जरूरत के मुताबिक बारिश नहीं होने से मूंग में कीड़ों का प्रकोप हो गया. सैंकड़ों किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. नागौर में भारतीय किसान यूनियन टिकैत की शाखा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. संगठन से जुड़े रामपाल धौलिया किसान तक से बात करते हैं.
वे बताते हैं, “इस बार बारिश जल्दी आने के कारण किसानों ने बुआई 10 जून के आसपास कर दी थी. फसलें भी अच्छी थी, लेकिन 20 जुलाई के बाद अल-नीनो के असर से पश्चिम राजस्थान में बारिश बिल्कुल भी नहीं हुई है. इससे फसलों में रोग और कीड़ों का प्रकोप हुआ है. इससे किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं. पश्चिम राजस्थान की मुख्य फसलों में मूंग शामिल है. इस साल मूंग की फली में लट लगने के कारण फसल लगभग खत्म हो चुकी है. बची हुई फसलों को किसानों ने काटना शुरू कर दिया है. इसीलिए राज्य सरकार से हम जल्द से जल्द रेंडम सूची जारी करने की मांग कर रहे हैं."
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल खराबे का आकलन फसल कटाई प्रयोग यानी क्रॉप कटिंग के आधार पर होती है. फसल कटाई प्रयोग राजस्व मंडल अजमेर की ओर से रेंडम सूची निकालकर जिले के सांख्यिकी विभाग करता है. राजस्व मंडल की ओर से इस साल अभी तक रेंडम सूची भी जारी नहीं की है.
अगर रेंडम सूची जारी होती है तो उसके बाद में प्राथमिक कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग भी होगी. इस तरह इस काम को होने में कई दिन का वक्त लग जाएगा. तब तक अधिकतर किसान अपनी फसलें काट चुके होंगे. जो किसान फसलें नहीं काटेंगे उनकी खेती कीटों से बर्बाद हो जाएगी.
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रामपाल कहते हैं कि किसानों के ऊपर आई प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए सरकार से मांग है कि फसल कटाई प्रयोग एवं सूची जल्द से जल्द जारी कर पटवारी और कृषि पर्यवेक्षकों को जल्दी ट्रेनिंग दी जाए ताकि किसानों को फसल बीमा का वास्तविक लाभ मिल सके.
रामपाल जोड़ते हैं कि अगर फसल कटाई प्रयोग अगस्त महीने में नहीं हुई तो प्रयोग सिर्फ कागजी खानापूर्ति के लिए होंगे तथा किसानों को लाभ नहीं मिलेगा. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा. क्योंकि अभी किसानों को लोन भी चुकाना है और खाद-बीज का बकाया उन पर बाकी है.
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