भारत में लाल मिर्च का उपयोग लगभग सभी घरों में किया जाता है. बात करें पड़ोसी देश चीन की तो वह भारतीय लाल मिर्च का सबसे बड़ा खरीदार रहा है. कुछ समय से चीन, भारत से लाल मिर्च का निर्यात नहीं कर रहा था. लेकिन इस बार चीन के कुछ हिस्सों में बाढ़ के कारण वहां लाल मिर्च का उत्पादन प्रभावित हो गया है. इसे लेकर भारतीय लाल मिर्च निर्यातकों को पड़ोसी देश में घटते स्टॉक के बीच सबसे बड़े खरीदार से मांग वापस आने की उम्मीद है. नतीजतन, कीमतें जो मई में उच्च स्तर से नीचे आ गई थी. वो आने वाले हफ्तों में फिर से बढ़ती दिख रही हैं.
भारतीय मिर्च के सबसे बड़े खरीदार चीन ने इस साल मई तक खूब खरीदारी की थी. पर हाल के महीनों में मांग धीमी हो गई थी. ऑल इंडिया चिली एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संबासिवा राव वेलागापुडी ने कहा कि बाढ़ के कारण कुछ क्षेत्रों में चीन का उत्पादन 30 से 40 प्रतिशत प्रभावित हुआ है. इसकी वजह से चीन फिर से भारतीय मिर्च की मांग बढ़ा सकता है. चीन और बांग्लादेश से खरीद के साथ उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में कीमतें 1020 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ जाएंगी.
राव ने कहा कि चीन में मिर्च का स्टॉक लगभग 75 फीसदी कम हो गया है. एक महीने पहले चीन के पास 2,000 कंटेनर स्टॉक थे. अब उनके पास केवल 500 कंटेनर हैं. उन्होंने कहा कि चीन के खत्म होते स्टॉक से लगता है वहां से नए सिरे से मांग बढ़ेगी. दरअसल चीन ने 2022-23 में 3,408 करोड़ रुपये से अधिक और 1.57 लाख टन से ज्यादा भारतीय मिर्च की खरीदारी की थी जो निर्यात मूल्य का लगभग एक तिहाई है.
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मई में 220 से 240 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद, चीनी खरीदारों द्वारा पसंद की जाने वाली तीखी किस्म तेजा मिर्च की कीमतें हाल के महीनों के दौरान कमजोर मांग के कारण कम हो गईं. अब तेजा मिर्च की कीमतें 220 से 245 रुपये की रेंज में वापस आने की संभावना है. राव ने कहा, एक और किस्म सुपर 10 है जिसमें मध्यम तीखापन है वो भी उसी रेंज में है. राव ने कहा कि हम श्रीलंका और मलेशिया से भी सुपर 10 मिर्च की अच्छी मांग की उम्मीद कर रहे हैं.
राव ने कहा कि भारत का मौजूदा मिर्च स्टॉक पिछले साल के स्तर के समान है, गुंटूर और आंध्र में स्टॉक लगभग 60 लाख बैग (प्रत्येक 40 किलोग्राम) होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना में मौजूदा स्टॉक लगभग 27 लाख बैग और कर्नाटक में 30 लाख बैग है. इसके अलावा, राव ने कहा कि कई लोग जिन्होंने मार्च-मई के दौरान ऊंची कीमतों पर खरीदारी की थी, वे अब बेचना नहीं चाहेंगे और नवंबर-दिसंबर तक बेहतर कीमतों का इंतजार करना चाहेंगे.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में बाजार में मिर्च की कीमतें कम हो गई है. मिर्च (तेजा) की कीमत लगभग 24,000 रुपये प्रति क्विंटल है. हमें उम्मीद है कि घटते स्टॉक के मद्देनजर चीनी खरीदार अगले कुछ हफ्तों में वापस आएंगे. अगर वे वापस आते हैं, तो हमें उम्मीद है कि कीमतें 2,000 से 4,000 रुपये तक बढ़ जाएंगी.
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