Madhya Pradesh: मूंग की पैदावार दोगुनी करने के लिए किसान कर रहे हैं देशी शराब का इस्तेमाल

Madhya Pradesh: मूंग की पैदावार दोगुनी करने के लिए किसान कर रहे हैं देशी शराब का इस्तेमाल

मध्यप्रदेश में नर्मदापुरम के किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल का उत्पादन दोगुना करने के लिए देसी शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं. किसानों का दावा है कि मूंग की फसल पर देशी शराब का छिड़काव करने से उपज दो गुना तक बढ़ जाती है.

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Madhya Pradesh: मूंग की पैदावार दोगुनी करने के लिए किसान कर रहे हैं देशी शराब का इस्तेमालमूंग की पैदावार बढ़ाने के लिए किसान कर रहे हैं देसी शराब का इस्तेमाल, सांकेतिक तस्वीर

देश के ज्यादातर किसान अपने खेतों की उपज बढ़ाने के लिए विभिन्न उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के किसान फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाए हैं और उनका यह तरीका सबका ध्यान खींच रहा है. दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नर्मदापुरम के किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल का उत्पादन दोगुना करने के लिए देसी शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं. किसानों का दावा है कि मूंग की फसल पर देशी शराब का छिड़काव करने से उपज दो गुना तक बढ़ जाती है.

किसानों का यह भी मानना है कि इस तकनीक से न केवल उपज की मात्रा बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार होता है. मीडिया से बातचीत में इन किसानों ने दावा किया कि फसल को भी इंसानों की तरह शराब का नशा हो जाता है. उन्होंने कहा कि यह नशे का असर है.

‘शराब के इस्तेमाल से उपज में होती है बढ़ोतरी’ 

किसानों के अनुसार शराब का नशा फसलों को खोखला करने के बजाय उपज को दोगुना कर देता है. नर्मदापुरम में ही नहीं, बल्कि अब पूरे राज्य के किसान धीरे-धीरे इस नई तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं.

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किसानों ने यह भी बताया कि उनकी दलहनी फसलों पर शराब का छिड़काव करने का तरीका भी बेहद आसान है. वे देशी शराब लेकर स्प्रे पंप में पानी के साथ मिलाते हैं. इसके बाद वे इस मिश्रण का पूरी फसल पर छिड़काव करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि शराब के छिड़काव से उनके शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन इसकी दुर्गंध के कारण वे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं.

'मूंग के फसलों में शराब के इस्तेमाल पैदावार में वृद्धि ' 

किसान पंकज पाल ने बताया कि मूंग की फसल में खासतौर पर शराब के मिश्रण के प्रयोग से इसका उत्पादन बढ़ जाता है. साथ ही खर्चा भी बहुत कम होता है. लगभग 100 मिली अल्कोहल को 20 लीटर पानी में मिलाया जाता है. किसानों का मानना है कि फसल उत्पादन के लिए शराब दवा से बेहतर है.

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दूसरी ओर, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक केके मिश्रा ने इस प्रक्रिया को इनकार कर दिया. उनके अनुसार गर्मी की मूंग की फसल पर शराब का छिड़काव व्यर्थ है.
 


 

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