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मौसम की करवट ने बदली नींबू की चाल, जानें क्या है मंडी में हाल 

मौसम की करवट ने बदली नींबू की चाल, जानें क्या है मंडी में हाल 

20 फरवरी से लेकर एक मार्च तक नींबू के दाम 100 से 110 रुपये तक आ चुके थे. जबकि इससे पहले यही नींबू 55-60 रुपये किलो तक बड़े ही आराम से मिल रहे थे. हालांकि जानकारों का मानना था कि हर साल की तरह से मार्च के आखिर और अप्रैल की शुरुआत में नींबू के दाम आसमान को छू सकते हैं. 

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नींबू का प्रतीकात्मक फोटो. नींबू का प्रतीकात्मक फोटो.

फरवरी के बाद से नींबू का बाजार बदलना शुरू हो जाता है. नींबू के लिए मार्च वो वक्त. होता है जब बाजारों में नींबू की सप्लाई कम हो जाती है. साथ ही इस महीने में एक साथ आने वाले रमजान और नवरात्र के चलते नींबू की डिमांड बढ़ जाती है. बीते साल 2022 की बात करें तो बाजार में नींबू 400 रुपये किलो तक बिका था. लेकिन इस बार थोक मंडी में ही 110 से 120 रुपये किलो बिकने के बाद 90 से 100 रुपये किलो पर आ गया है. यह सब हुआ है बीते 10 दिन से करवट बदल रहे मौसम के चलते. मौसम में ठंडक आई तो रोजेदार और व्रत रखने वालों के बीच नींबू की डिमांड ही घट गई. नींबू की डिमांड के दौरान दिल्ली  की आजादपुर मंडी में सात से आठ ट्रोला गाड़ी रोजाना का नींबू आता है. लेकिन अब तो मुश्किल से तीन से चार गाड़ी ही आ रही हैं.  

नींबू के दाम ग्राहकों को चिढ़ाना शुरू कर देते हैं. पूरी गर्मी नींबू बाजार का राजा बन जाता है. हर मार्केट में सिर्फ नींबू की ही चर्चा रहती है. लेकिन इस साल नींबू का बाजार बदला हुआ है. 10 दिन में नींबू के दाम 20 से 30 रुपये कम हो चुके हैं. इस दौरान नींबू के दाम बढ़ने के तीन बड़े कारण हैं. दिल्ली़-एनसीआर में ही नींबू की खपत पर बात करें तो मार्च में सात से आठ बड़ी गाड़ी रोज की आती थीं.  

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20 फरवरी के बाद इसलिए शुरू हो जाते हैं नींबू के रेट बढ़ना 

आजादपुर मंडी, दिल्ली में नींबू का थोक कारोबार करने वाले रविन्द्र सिंह ने किसान तक को बताया कि फरवरी की शुरुआत तक बाजार में देसी नींबू खूब आता है. क्योंकि यह आसपास के जिलों से आता है तो सस्ता  भी पड़ता है. 10 मार्च तक मंडी में नींबू के दाम 55 से 60 रुपये किलो तक थे. लेकिन जैसे ही मौसम में गर्माहाट आने के साथ तापमान भी बढ़ने लगा तो देसी नींबू की सप्लाई कम हो गई. देसी नींबू का छिलका पतला होता है तो नींबू जल्दी सूखने लगता है. हर साल ऐसा ही होता है कि फरवरी के आखिर तक देसी नींबू की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो जाती है. इसके बाद चेन्नई और आंध्रा प्रदेश का नींबू आना शुरू हो जाता है. 

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एक साथ डिमांड आने से भी बढ़ते हैं रेट

नींबू कारोबारी सुरेन्द्र जादौन ने बताया कि मार्च-अप्रैल में नवरात्र और रमजान एक साथ आते हैं. इन दिनों नींबू की खपत बढ़ जाती है. वैसे भी गर्मियों में शिकंजी के चलते डिमांड कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है. अगर साल 2022 की बात करें तो अप्रैल में नींबू के दाम 400 रुपये किलो तक पहुंच गए थे. इतना ही नहीं साफ्ट ड्रिंक्स और कुछ दवाई बनाने वाली कंपनियां भी इन दिनों नींबू की जमकर खरीदारी करती हैं. कंपनी तो सीधे खेत से ही नींबू खरीदकर ले जाती हैं. 

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