जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग को लेकर आज किसानों को रेलवे ट्रैक पर बैठे 8 दिन हो गए. किसानों के प्रदर्शन की वजह से रेलवे को काफी नुकसान पहुंच रहा है. न सिर्फ रेलवे को बल्कि ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. अंबाला रेल मंडल के सीनियर डीसीएम नवीन कुमार ने बताया की किसान आंदोलन की वजह से आज सुबह तक 1216 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. जिसमें से 552 ट्रेनों को कैंसिल किया गया है, और 111 ट्रेनें अल्पावधि में शुरू होगी.
वहीं 553 ट्रेनों को दूसरे मार्ग से डाइवर्ट करके चला दिया गया है. उन्होंने बताया कि 117 माल गाड़ियां भी प्रभावित हुई हैं. उन्होंने बताया कि इस आंदोलन से हुए नुकसान का अभी तक आकलन नहीं किया गया है लेकिन आंदोलन का प्रभाव दूसरे रेल मंडलों पर भी पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इस आंदोलन के नुकसान का आकलन कुछ समय के बाद ही पता लग पाएगा.
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पिछले 8 दिनों से किसान पंजाब की तरफ रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे हैं, जिसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. एक तरफ जहां हर वर्ग के लोगों पर इसका काफी प्रभाव पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ रेलवे को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यात्रियों को ट्रेनों के लिए कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. यात्री स्टेशन पर बैठकर अपनी ट्रेनों का घंटों तक इंतजार कर रहे हैं.
रेल यात्रियों का कहना है कि कई घंटे तक उन्हें रेल गाड़ियां नहीं मिल रही हैं. ऐसे में अगर वह लोग बस में सफर करते हैं तो उसके लिए भी उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. जिस कारण वह अपनी मंजिल पर समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. लोगों ने सरकार से यह अपील भी कि है कि जल्द से जल्द रास्ते खुलवाए जाएं. बता दें कि किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रेलवे ट्रैक को जाम कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करे. किसान अपनी 12 मांगों को लेकर 13 फरवरी से शम्भू बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं. तीन किसानों की रिहाई को लेकर 8 दिन से रेलवे ट्रैक जाम किया हुआ है.
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