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स्पेशल ट्रेन के नाम पर रेलवे नहीं वसूलेगा एक्स्ट्रा किराया, अदालत ने दिया आदेश  

स्पेशल ट्रेन के नाम पर रेलवे नहीं वसूलेगा एक्स्ट्रा किराया, अदालत ने दिया आदेश  

अब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली पैसेंजर, लोकल और मेमू ट्रेनों में स्पेशल के नाम पर एक्स्ट्रा किराया नहीं लिया जाएगा. वहीं, 1 जनवरी 2025 से सभी पैसेंजर लोकल मेमू ट्रेनों का नियमित परिचालन किया जाएगा.

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रेलवे नहीं वसूलेगा एक्स्ट्रा किराया रेलवे नहीं वसूलेगा एक्स्ट्रा किराया

छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. दरअसल, अब भारतीय रेलवे यात्रियों से स्पेशल ट्रेन के नाम पर अतिरिक्त किराया नहीं वसूलेगा. भारतीय रेलवे के मुताबिक, अब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली पैसेंजर, लोकल और मेमू ट्रेनों में स्पेशल के नाम पर एक्स्ट्रा किराया नहीं लिया जाएगा. SECR बिलासपुर डिवीजन के DRM ने हाईकोर्ट में एफिडेविड पेश करके बताया कि पैसेंजर मेमू ट्रेनों में कोई स्पेशल चार्ज नहीं वसूला जाएगा.  

अब रेलवे नहीं लेगा स्पेशल चार्ज

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में उस जनहित याचिका की सुनवाई हुई, जिसमें कोरोना कॉल के बाद से रेलों के अव्यवस्थित परिचालन और पैसेंजर ट्रेनों के बदले स्पेशल गाड़ियां चलाने से साथ लेटलतीफी को मुद्दा बनाया गया था. इस पर कोर्ट का कहना है कि स्पेशल ट्रेन के नाम पर रेलवे एकस्ट्रा किराया नहीं वसूलेगा. इसके अलावा उन्होंने 1 जनवरी 2025 से सभी पैसेंजर लोकल मेमू ट्रेनों के नियमित परिचालन शुरू करने की भी जानकारी दी है.

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अभी भी लिया जा रहा ज्यादा किराया

पिछली सुनवाई के दौरान रेलवे की तरफ से एडवोकेट रमाकांत मिश्रा ने जानकारी दी थी कि सभी पैसेंजर ट्रेनों को नॉर्मल ट्रेन के रूप में चलने का आदेश हो चुका है. इस पर याचिकार्ता ने कोर्ट को बताया कि अभी भी पैसेंजर, मेमू लोकल ट्रेनों के सामने नंबर बतौर जीरो लगाकर स्पेशल के रूप में चलाई जा रही है. जिसमें अभी भी ज्यादा किराया वसूल किया जा रहा है. इस पर डिवीजन बेंच ने DRM को शपथ पत्र पेश कर स्थिति स्पष्ट करने कहा था.  

आम रेल यात्रियों को पहुंचेगी राहत

बता दें कि बिलासपुर रेलवे जोन सबसे ज्यादा कमाई करने वाले रेलवे जोन में से एक है. इसके बावजूद यात्रियों को होने वाली परेशानियों का यहां कोई अंत नहीं है. यहां ट्रेन लेट-लतीफ से चलती है और अक्सर दर्जनों ट्रेन को अचानक रद्द कर दिया जाता हैं. वहीं, कई नए-नए निर्माण कार्य और ऐसे ही दूसरे विषय को लेकर लगातार ट्रेनों के रूट में बदलाव किया जाता रहता है. ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इस निर्णय ने आम रेल यात्रियों को राहत पहुंचाई है. (मनीष शरण की रिपोर्ट)