पंजाब विधानसभा में कृषि नीति पर बहस और इसे सार्वजनिक करने की मांग को लेकर सेक्टर 34 के दशहरा ग्राउंड में बैठे भारतीय किसान यूनियन एकता के सदस्यों को मंगलवार को निराशा हाथ लगी. इतना ही नहीं, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने साफ कह दिया था कि पंजाब विधानसभा सत्र में कृषि नीति पर कोई बहस नहीं होगी. किसान आयोग ने अभी अपनी रिपोर्ट सौंपी है. कृषि नीति को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जानी है. किसान संगठनों ने अपना मांग पत्र सौंप दिया है. अब सरकार को देखना है कि उनकी कौन सी मांगें पूरी होती हैं. जिसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा कि राज्य की कृषि नीति लगभग तैयार है और उनकी सरकार आगे के विचार-विमर्श के लिए हितधारकों को बुलाएगी.
यह बयान भारती किसान यूनियन और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के विरोध प्रदर्शन के बीच आया है, जो कृषि नीति के अमल पर दबाव बना रहे हैं. पंजाब विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र के अंतिम दिन चर्चा में भाग लेते हुए मान ने कहा कि कृषि नीति लगभग तैयार है. उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा, "हम इस संबंध में हितधारकों, (किसान) यूनियनों और खेती से जुड़े संगठनों से बात करेंगे."
मान ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा इस बात का समर्थन करती है कि नीतियां हितधारकों के परामर्श से बनाई जानी चाहिए, जबकि केंद्र सरकार बिना सोचे-समझे और लोगों से बात-चीत किए बिना अपनी नीतियां बना देती है.
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उन्होंने तीन कृषि कानूनों का उदाहरण दिया, जिन्हें बाद में कृषक समुदाय के विरोध के बाद केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने वापस ले लिया था. बीकेयू और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले किसानों ने कृषि नीति के लागू करने सहित अपनी मांगों को लेकर रविवार को यहां पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया.
इस बीच, बीकेयू के नेता सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि मुख्यमंत्री गुरुवार को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. विधानसभा में मान ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा के समक्ष डीएपी खाद की कमी का मुद्दा उठाया. मान ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने लंबित मूल्य वर्धित कर मामलों में व्यापारियों के लिए पहले ही एकमुश्त निपटान योजना (ओटीएस) लागू कर दी है. उन्होंने कहा कि इस ओटीएस योजना के माध्यम से राज्य सरकार को 164 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं.
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इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि वह गुरुवार को दिल्ली में एक केंद्रीय मंत्री से मिलेंगे. इससे पहले कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने केंद्र द्वारा पंजाब को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 1,750 करोड़ रुपये जारी नहीं किए जाने की ओर इशारा किया था.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "उन्होंने (केंद्र ने) एनएचएम फंड रोक रखा है, क्योंकि उन्हें 'आम आदमी क्लीनिक' से एलर्जी है." सिंह ने आगे कहा कि वह गुरुवार को दिल्ली में अपने स्टाफ के साथ संबंधित मंत्री से मिलेंगे. राज्य की आप सरकार एनएचएम के तहत मिलने वाले फंड को लेकर केंद्र के साथ विवाद में रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले पंजाब सरकार पर आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) को 'आम आदमी क्लीनिक' में बदलने का आरोप लगाया था.
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "स्वास्थ्य मुख्य रूप से राज्य का विषय है. वे (केंद्र सरकार) ब्रांडिंग पर जोर दे रहे हैं, जबकि हम सह-ब्रांडिंग (आम आदमी क्लीनिकों की) के बारे में बात कर रहे हैं." इस साल जुलाई में, केंद्र ने संसद को बताया था कि पंजाब ने आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, जिसे अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में जाना जाता है, के लिए ब्रांडिंग दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है, जो 2023-24 के लिए पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता के लिए योजना के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है.
शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने कहा कि लुधियाना जिले के भूंदरी, अखाड़ा, मुस्काबाद के ग्रामीण तीन बायोगैस संयंत्रों की स्थापना का विरोध कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि इन प्लांटों से दुर्गंध आएगी, जबकि उन्होंने मांग की कि इन प्लांटों को लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. बाद में स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.
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