दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक होने के नाते भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है. आज अगर भारत दूध उत्पादन में नंबर वन है तो ये ऑपरेशन फ्लड से मुमकिन हुआ है. लेकिन इसके साथ ही भारत के सामने कई चुनौतियां भी हैं. ये कहना है खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के भारत में प्रतिनिधि ताकायुकी हागिवारा का. डेयरी से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र करते ताकायुकी ने उनके समाधान से जुड़े कुछ सुझाव भी दिए. उनका कहना है कि आज भारत के डेयरी सेक्टर को बढ़ाने के लिए चारा उत्पादन बढ़ाने पर काम करने की जरूरत है. साथ ही इस तरह के चारे पर काम किया जाए जिसमे जमीन और पानी की निर्भरता को कम किया जा सके. पशुओं की बीमारी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लंपी और इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) जैसी बीमारियों से बचाने पर भी जोर दिया जाना चाहिए.
इसके लिए क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से जुड़ा हर तरह का समर्थन भारत के डेयरी सेक्टर को दिया जाएगा. लेकिन इसके लिए हमे समूहिक कोशिश करनी होगी. ताकायुकी ने इंडियन डेयरी सेक्टर के बारे में ये बातें एक डेयरी सम्मेलन के दौरान कहीं. गौरतलब रहे कोच्चि, केरल में इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (IDF) द्वारा पहले क्षेत्रीय डेयरी सम्मेलन एशिया प्रशांत 2024 का आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मेलन का विषय डेयरी में किसान से जुड़े नए-नए प्रयोग रखा गया है. ये सम्मेलन 28 जून तक चलेगा. नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.
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आईडीएफ की डायरेक्टर जनरल लॉरेंस रेकेन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज डेयरी सेक्टर में किसानों का अहम रोल है. भारत की भी आंतरिक रूप से अपनी पहचान डेयरी से जुड़ी हुई है. और भारत को डेयरी में ये पहचान दिलाने के पीछे डेयरी से जुड़ी महिलाओं का बड़ा योगदान है. वहीं आईडीएफ के प्रेसिडेंट पियरक्रिस्टियानो ब्राज़ेल ने भी अपने संबोधन में डेयरी से जुड़ी महिलाओं की जमकर तारीफ की. वहीं डेयरी से जुड़े स्टार्टअप्स के रोल पर भी चर्चा की.
डीजी लॉरेंस रेकेन ने जलवायु परिवर्तन पर बोलते हुए कहा कि आज डेयरी सेक्टर के सामने एक बड़ी चुनौती है. जलवायु परिवर्तन का असर हर तरफ है. ऐसे में बढ़ती आबादी का पेट भरना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए ये भी जरूरी है कि किसानों की स्टार्टअप के साथ जोड़कर की जाए. साथ ही उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि एनडीडीबी का मिशन डेयरी सेक्टर साफ है, डेयरी को समर्थन और बढ़ावा देना है. एनडीडीबी का यह मिशन आईडीएफ के मूल्यों और मकसद से मेल खाता है.
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केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत पहले क्षेत्रीय एशिया-प्रशांत डेयरी सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. वर्तमान में भारत दुनिया के लगभग एक-चौथाई दूध का उत्पादन करता है और दूध उत्पादन में वृद्धि दर वैश्विक औसत से दोगुनी से भी ज्यादा है. साथ ही उन्होंने बताया कि तीन दिन के इस सम्मेलन में भारत सहित 25 देशों के करीब 700 एक्सपर्ट, शिक्षाविद, डेयरी पेशेवर और गणमान्य व्यक्ति और करीब 500 किसान शामिल हो रहे हैं. वहीं सम्मेलन का विषय, 'डेयरी में किसान-केंद्रित नवाचार' भारतीय डेयरी क्षेत्र में किसान-केंद्रित नीतियों और प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करता है. ये सब चीजें मिलकर ही डेयरी सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी.
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