आज फूड मार्केट एक्सपर्ट रेडी टू ईट और रेडी टू कुक की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये बाजार की डिमांड भी है और ऐसा होने से प्रोडक्ट को घरेलू बाजार भी मिलेगा. जब प्रोडक्ट को घरेलू बाजार मिलता है तो ऐसे में आपका प्रोडक्ट इंटरनेशनल मार्केट में बिना किसी दबाव के बिकता है. इसी तरह से अगर पोल्ट्री सेक्टर को रफ्तार देनी है तो उससे पहले हाईटेक कोल्डट चेन का स्ट्रैक्चर खड़ा करना होगा. पोल्ट्री सेक्टर के एक्सपर्ट का मानना है कि आज फास्ट फूड में चिकन की हिस्सेदारी बढ़ रही है.
फास्ट फूड के लिए ड्रेस चिकन की जरूरत होती है. अगर अगर हमारे पास हाईटेक कोल्ड चेन नहीं होगी तो हम डिमांड के मुताबिक ड्रेस चिकन की सप्लाई नहीं कर पाएंगे. पोल्ट्री सेक्टर आज किस स्टेज पर है, हाईटेक कोल्ड चेन इस सेक्टर की कितनी बड़ी डिमांड है इसे समझा रहे हैं पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के ट्रेजजर रिकी थापर.
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रिकी थापर ने किसान तक से बात करते हुए बताया, एक जानकारी के मुताबिक केएफसी भारत में अपना कारोबार बढ़ाने जा रहा है. एक ऐसा कारोबार जो कभी पहले चीन में हुआ करता था. ये तो रही एक केएफसी की बात, इसके अलावा मैक डोनाल्ट जैसे और भी हैं जहां फास्ट फूड में चिकन की डिमांड बढ़ रही है. केएफसी और उसकी तरह से काम करने वाले दूसरे लोगों को अपनी जरूरत के मुताबिक ड्रेस चिकन (प्लांट में कटा) की जरूरत होती है. ये लोग फ्रेश चिकन पसंद नहीं करते हैं. जैसे कुछ लोग दुकानों पर काटकर सीधे ग्राहक को बेच देते हैं.
ऐसे लोगों को प्रोसेसिंग प्लांट का चिकन चाहिए. और इसके लिए सबसे पहले जरूरत होगी कोल्ड स्टोरेज की. ऐसे कोल्ड स्टोर जहां माइनस 40 डिग्री में चिकन को रखा जा सके. इतना ही नहीं जब डिमांड आए तो उसी तरह की रेफ्रिजरेटर वैन भी हो. जिससे की माइनस 40 डिग्री तापमान के कोल्ड् स्टोर से निकले चिकन को रेफ्रिजरेटर वैन में भी उसी तापमान पर रखकर पार्टी का आर्डर पूरा कर दिया जाए. अभी इस तरह के कोल्डो स्टोर और रेफ्रिजरेटर वैन हमारे पास कम हैं. लेकिन आने वाले वक्त में डिमांड के मुताबिक इनकी बहुत जरूरत पड़ेगी.
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रिकी थापर का कहना है कि इंडियन पोल्ट्री सेक्टर अब कृषि का एक अहम हिस्सा और प्रोटीन की जरूरत को भी पूरा कर रहा है. हमारे देश में अंडे और ब्रॉयलर चिकन से जुड़ा पोल्ट्री सेक्टर छह से नौ फीसद की रेट से बढ़ रहा है. बीते 10 साल में बहुत तेजी देखी गई है. बीते साल 2022-23 में भारत से 64 देशों को 6.65 मीट्रिक टन पोल्ट्री प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट किया गया था. इसकी कुल कीमत 1100 करोड़ रुपये थी. अभी हमारे देश से सबसे ज्यादा अंडे और अंडे का पाउडर एक्सपोर्ट होता है. अभी पोल्ट्री प्रोडक्ट प्रोसेसिंग को कम से कम 20 से 30 फीसद तक बढ़ाने की जरूरत है.
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