मॉनसून की बारिश के बाद जहां एक ओर धान और गन्ने की फसल उगाने वाले किसान खुश हैं, तो वहीं दुसरी और जिन किसानों ने सब्जियों की फसल उगाई है वो परेशान. दरअसल, देश के कई हिस्सों से लगातार हो रही बारिश सब्जी किसानों के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण भरा है. इस समय अगर किसान समय पर सब्जियों की बेहतर देखभाल न करें तो उनको भारी नुकसान हो सकता है. भारी बारिश की वजह से सब्जियों की फसलें पीली पड़ने लगी है या खराब हो रही हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन फसलों को हो रहा है बारिश से नुकसान और क्या है इससे बचाव के उपाय.
बारिश के मौसम में किसान लौकी, कद्दू, करेला, भिंडी, बैंगन, तोरई और हरी मिर्च की खेती करते हैं, जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है. साथ ही इन फसलों से किसानों को कम समय में बेहतर मुनाफा भी मिलता है, लेकिन भारी बारिश होने पर अगर किसान जरा सी चूक करें तो यह फसल बेहद ही जल्द खराब हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि किसान उनकी बेहतर तरीके से देखभाल कैसे करें.
सब्जियों के पौधे बेहद ही नाजुक होते हैं. अगर खेत में बेहतर जल निकास न हो तो बारिश के दौरान पानी के ठहराव से सब्जियों के पौधों या बेल को भारी नुकसान होता है. ऐसे में समय पर ध्यान न देने पर कई बार सब्जियों के पौधे पीले पड़ जाते हैं या सूख भी जाते हैं. अगर आपके खेत में भी बारिश के बाद पानी जमा हो गया है तो कोशिश करें कि तत्काल पानी को निकाल दें. क्योंकि अगर पानी भरा रहता है और धूप के संपर्क में आने से पानी गर्म हो जाता है. ऐसे में सब्जियों के पौधों के जड़ों को नुकसान पहुंचता है. इसके बाद पौधे की ग्रोथ रुक जाती है और उपज में गिरावट आती है. साथ ही क्वालिटी पर भी असर पड़ता है और बाजार में किसानों को सही दाम नहीं मिलता है.
अगर खेत से पानी निकलने में देरी हो जाए और सब्जियों के पौधों पर पीलापन दिखाई देने लगे तो किसान किसी भी अच्छे फंगीसाइड का इस्तेमाल करें. किसान थायोफिनेट मिथाइल 70 WP (Thiophanate Methyl 70 WP) की 2 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. ऐसा करने से सब्जियों के पौधों को होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है. साथ ही इस दवा को डालने से पौधे पर पीलापन का भी असर कम होता है.
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