सूरजमुखी के एमएसपी पर खरीद की मांग को लेकर हरियाणा में दूसरे दिन भी आंदोलन जारी है. वहीं बुधवार शाम को शाहबाद में हुई किसान पंचायत में आंंदोलन को लेकर कई फैसले लिए गए हैं. जिसके तहत शाहबाद में हो रहे धरने को आगे भी जारी रखने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही 12 जून को पीपली मंडी में सरकार के खिलाफ बड़ी रैली करने का फैसला लिया है. महापंचायत में आंदोलित किसानों से ये अपील की गई है कि वह सड़कों पर जाम नहीं लगाएं और जहां भी सड़कों पर जाम लगाकर किसान बैठे हैं, वहां से उठ जाएं. किसान महापंचायत का ये फैसला तब आया है कि आंदोलन के प्रमुख नेता गुरुनाम सिंह चढूनी को बुधवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
किसानों ने तीसरे दिन भी आंदोलन जारी रहेगा रखने फैसला किया हैं. उधर, गुरनाम सिंह चढूनी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस आंदोलन को समर्थन दिया है.किसानों का कहना हैं कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. अब तक राज्य सरकार की ओर से एक लाइन की भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. वहीं ने एसकेएम ने कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीज के लिए एमएसपी की मांग के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज और किसानों की गिरफ्तारी की निंदा की है.
किसानों पर लाठीचार्ज और किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की गिरफ्तारी के खिलाफ बुधवार को कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में आंदोलन तेज हो गया. उन्हें अपना समर्थन देने के लिए बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे. उन्होंने कहा कि सारे किसान संगठन एक हैं. सरकार इस गफलत में न रहे कि वो किसानों की बात नहीं मानेगी.
कुरुक्षेत्र के शाहबाद में टिकैत ने कहा कि जरूरत पड़ी तो किसान फिर से जीटी रोड पर बैठेंगे और इससे भी बात नहीं बनी तो फिर से ट्रैक्टर यात्रा निकालेंगे. उन्होंने कहा कि एमएसपी की लीगल गारंटी के मुद्दे का सरकार को हल करना ही होगा. वरना उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. टिकैत ने किसानों से कहा कि अगर राज्य सरकार की ओर से बातचीत का कोई प्रस्ताव आता है तो उसमें किसानों को शामिल होना चाहिए, क्योंकि रास्ता बातचीत से निकलेगा.
टिकैत ने कहा एमएसपी का मुद्दा हरियाणा से शुरू हुआ है और यह पूरे देश में जाएगा. इससे सरकार पीछे नहीं हट सकती. किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं. सबसे पहले राज्य सरकार गुरनाम सिंह चढूनी को रिहा करे. वरना ये आंदोलन और बड़ा होता जाएगा. टिकैत ने कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी लड़ाका है. किसान एमएसपी की मांग कर रहे हैं, जिन फसलों का एमएसपी घोषित है, उन फसलों का एमएसपी मिलना चाहिए. किसानों को भावांतर नहीं चाहिए.
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उधर, हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा किसानों पर लाठी चार्ज करके दौड़ा-दौड़ा कर पीटाना निंदनीय हैं. इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है. एक तरफ तो हरियाणा सरकार सूरजमुखी को एमएसपी दामों पर खरीद करने की बात कह रही है, दूसरी तरफ भावांतर योजना के तहत 1000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सूरजमुखी पर किसानों को देने की बात करके गुमराह कर रही है.
बजरंग गर्ग ने कहा कि सूरजमुखी का 6400 रुपए एमएसपी रेट है तो सरकार को अपनी घोषणा के अनुसार किसान की सूरजमुखी 6400 रुपए एमएसपी पर खरीदनी चाहिए. मंडियों में सूरजमुखी 4100 रुपए से लेकर 4300 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है. ऐसे में अगर किसान की सूरजमुखी भावांतर योजना के तहत सरकार खरीदेगी तो किसान को 1300 रुपये से लेकर 1500 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ेगा.
गर्ग ने कहा कि सरकार हर फसल की खरीद जानबूझकर कर लेट शुरू करती है ताकि किसान मजबूरी में अपनी फसल पहले ही औने-पौने दामों में बेच आए. बजरंग गर्ग ने कहा कि इसी प्रकार सरकार ने सरसों की खरीद काफी लेट शुरू की और खरीद थोड़ी बहुत करके जल्द ही बंद कर दी. जिसके कारण किसानों को अपनी सरसों में 600 से 1000 रुपये तक कम में बेचनी पड़ी, जिसके कारण किसानों को बड़ा भारी नुकसान उठाना पड़ा.
वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता इंद्रजीत सिंह ने इस लाठीचार्ज की निंदा की और हिरासत में लिए गए किसानों को तत्काल रिहा करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने सभी किसानों से इस आंदोलन के पक्ष में एकजुट होने की अपील की और कहा कि किसान सभा और पूरा एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) इस आंदोलन के साथ है.
हरियाणा के किसान नेता सुरेश कोथ ने भी विडियो संदेश जारी कर सरकार को चेतावनी दी और कहा, सरकार इन किसानों को अकेला न समझे, पूरे प्रदेश के किसान इनके साथ हैं.
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