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Farmers Protest: क‍िसानों ने कुरुक्षेत्र में खोला सरकार के ख‍िलाफ नया मोर्चा, जीटी रोड जाम...सूरजमुखी बनी वजह  

Farmers Protest: क‍िसानों ने कुरुक्षेत्र में खोला सरकार के ख‍िलाफ नया मोर्चा, जीटी रोड जाम...सूरजमुखी बनी वजह  

Bhawanter Bharpai Yojana: प्रशाासन के इंतजामों को धता बताते हुए क‍िसानों ने कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में जीटी रोड को जाम कर द‍िया है. सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना में शाम‍िल करने का क्यों व‍िरोध कर रहे हैं क‍िसान. जान‍िए, भावांतर से क्या और क‍ितना हो रहा नुकसान. 

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कुरुक्षेत्र में क‍िसान आंदोलन, जीटी रोड पर इस तरह चढ़ने की कोश‍िश करते क‍िसान. (Photo-Kisan Tak). कुरुक्षेत्र में क‍िसान आंदोलन, जीटी रोड पर इस तरह चढ़ने की कोश‍िश करते क‍िसान. (Photo-Kisan Tak).

हर‍ियाणा के क‍िसानों ने राज्य सरकार के ख‍िलाफ मोर्चा खोल द‍िया है. कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में क‍िसान आंदोलन कर रहे हैं. प्रशासन के इंतजामों को धता बताते हुए उन्होंने जीटी रोड को जाम कर द‍िया है. प्रशासन ने देर रात से ही किसानों को इस रोड पर आने से रोकने के ल‍िए हाइवे से पहले ही बैर‍िकेड लगा द‍िए थे. लेक‍िन क‍िसान साइड से रोड पर चढ़ने में कामयाब हो गए. वो सरकार के ख‍िलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. पुल‍िस और क‍िसान आमने-सामने आ गए हैं. इस नए क‍िसान आंदोलन की वजह 30 मई 2023 का एक फैसला है. ज‍िसके तहत सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना (Bhawanter Bharpai Yojana) में शाम‍िल करने का फैसला ल‍िया गया है. राज्य के कृष‍ि व‍िभाग ने सूरजमुखी बेचने वाले क‍िसानों को 1000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की दर से मदद करने का एलान क‍िया हुआ है. लेक‍िन, क‍िसानों का आरोप है क‍ि सरकार इस योजना की आड़ में एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद बंद करना चाहती है. 

आंदोलनकारी क‍िसानों का कहना है क‍ि सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर हो, उन्हें भावांतर योजना नहीं चाह‍िए. यह योजना सरकार अपने फायदे के ल‍िए लेकर आई है. इसमें क‍िसानों का घाटा है. यह आंदोलन भारतीय क‍िसान यून‍ियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम स‍िंह चढूनी के नेतृत्व में हो रहा है. उन्होंने 31 मई को ही सरकार को पत्र ल‍िखकर इस फैसले को वापस लेने की मांग की थी. सरकार ने अब तक इस मसले पर कोई न‍िर्णय नहीं ल‍िया इसल‍िए क‍िसानों ने आंदोलन का रास्ता अपना ल‍िया. 

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सीएम नहीं, एक अध‍िकारी के ख‍िलाफ गुस्सा

चढूनी ने कहा क‍ि क‍िसान आंदोलन में जो भी होगा उसका ज‍िम्मेदार मुख्यमंत्री को गुमराह करने वाला प्रिंसिपल सेक्रेटरी होगा.सूरजमुखी के मुद्दे पर सरकार का कोई जवाब नहीं आया है. इसका मतलब यह है क‍ि सरकार क‍िसानों की बात मानने से इनकार कर रही है. शाहाबाद मंडी के दो लोगों ने सरकार से मिल कर भावांतर योजना की मांग की है. इन्होंने किसानों और आढ़ति‍यों दोनों की पीठ में छुरा मारा है. इसीलिए सूरजमुखी वाले सभी किसान तैयार रहें. जीटी रोड जाम किया जाएगा.

तमाम इंतजामों के बावजूद क‍िसानों को रोक नहीं पाया प्रशासन. (Photo-Kisan Tak).

भावांतर भरपाई योजना का क्यों हो रहा व‍िरोध 

हर‍ियाणा में सूरजमुखी की फसल का बाजार भाव 4000 से 4200 रुपये प्रति क्व‍िंटल तक चल रहा है. जबक‍ि इसका एमएसपी 6400 रुपये है. ऐसे में भावांतर योजना के तहत 1000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की मदद के बावजूद क‍िसानों को 1200-1400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल का घाटा ही होगा. चढूनी का कहना है क‍ि केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों का आयात शुल्क कम करने की वजह से इस साल त‍िलहन फसलों के भाव पिछले वर्षो के मुकाबले काफी कम म‍िल रहा है. ऐसे में सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर न करके सरकार क‍िसानों का और नुकसान कर रही है.

प‍िछले साल का पैसा अब तक नहीं म‍िला

चढूनी का कहना है क‍ि ज‍िस भी फसल पर जब भी यह योजना लागू हुई है क‍िसानों को नुकसान हुआ है. कभी उन्हें एमएसपी के मुकाबले घाटा होता है तो कभी समय पर पैसा नहीं म‍िलता. इस साल फरवरी में बिके आलू के पैसे क‍िसानों को अब तक नहीं म‍िले हैं. पिछले साल के गोभी और टमाटर के पैसे भी नहीं आए हैं. बाजरा जैसी फसलों में भावांतर के बाद भी क‍िसानों को घाटा ही हुआ है. फ‍िलहाल, क‍िसानों ने जो सूरजमुखी आंदोलन शुरू क‍िया है उस पर अभी तक राज्य सरकार की कोई प्रत‍िक्रिया नहीं आई है. 

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