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Chicken Rate: डिमांड के बाद भी सस्ता बिक रहा है चिकन, गाजीपुर मंडी के कारोबारी हैरान, जानें डिटेल

Chicken Rate: डिमांड के बाद भी सस्ता बिक रहा है चिकन, गाजीपुर मंडी के कारोबारी हैरान, जानें डिटेल

देश में हर महीने करीब 40 करोड़ मुर्गों की डिमांड होती है. अगर बीच में कोई खास धार्मिक दिन या कई दिन के त्योहार आ जाएं तो ये डिमांड घट जाती है. दिल्ली-एनसीआर की गाजीपुर मंडी से ही रोजाना करीब पांच लाख मुर्गे सप्लाई होते हैं. लेकिन आजकल चिकन की भरपूर डिमांड होने के बाद भी मुर्गा 102 से 107 रुपये किलो ही बिक रहा है. 

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ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्म. फोटो क्रेडिट-रोहित कुमार ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्म. फोटो क्रेडिट-रोहित कुमार

बाजार में चिकन की खूब डिमांड आ रही है. दिल्ली-एनसीआर में देश की सबसे बड़ी मुर्गा मंडी गाजीपुर में रोजाना 80 गाड़ी चिकन की आ रही हैं तो वो एक ही दिन में बिक जा रही हैं, अगर 100 गाड़ी आ रही हैं तो वो भी बिक जा रही हैं. कुल मिलाकर मंडी में जितना मुर्गा आ रहा है वो देखते ही देखते बिक रहा है. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि बाजार में डिमांड होने के बाद भी मुर्गा सस्ता बिक रहा है. मंडी के कारोबारी भी बाजार का ये रूप देखकर हैरान हैं.

जबकि पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो इस वक्त थोक बाजार में मुर्गे के दाम कम से कम 140 से 150 रुपये किलो तक होने चाहिए थे. लेकिन बिक रहा है इससे कम. इस रेट पर तो सावन के दौरान ही बिक रहा था जब बाजार में चिकन की डिमांड ना के बराबर थी. हालांकि इसके पीछे एक्सपर्ट इसे बाजार की ही एक रणनीति बता रहे हैं.

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सोमवार को 102 से 107 रुपये किलो तक बिका चिकन

गाजीपुर मंडी से रोजाना करीब पांच लाख मुर्गों की सप्लाई होती है. मंडी में चिकन की ट्रेडिंग करने वाले रचना पोल्ट्री के संचालक जमील ने किसान तक को बताया कि सावन के बाद से बाजार में चिकन की खूब डिमांड आ रही है. रविवार की बात करें तो थोक मंडी में मुर्गों की 100 गाड़ी आईं थी. सभी गाड़ी बिक गईं. रविवार को मंडी में मुर्गों का रेट 110 रुपये किलो था. जबकि पोल्ट्री फार्मर अपना मुर्गा 102 और 103 रुपये किलो तक बेचकर गए हैं. 

सोमवार की भी बात करें तो मंडी में मुर्गों की कोई कमी नहीं थी. खरीदारों की डिमांड पूरी हो रही है. लेकिन रेट फिर भी कम हैं. हालांकि सोमवार को गाजीपुर में मुर्गों का रेट 120 रुपये किलो था, लेकिन पोल्ट्री फार्मर अपना माल 102 से लेकर 107 रुपये किलो तक में बेच रहे हैं. जब किसान खुद ही अपना माल मंडी रेट से कम पर बेचने को तैयार हैं तो फिर कोई क्यों मंडी रेट पर मुर्गे खरीदेगा. 

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कंपनियों को टक्कर दे रहे हैं छोटे पोल्ट्री फार्मर 

यूपी पोल्ट्री  एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अकबर अली ने किसान तक को बताया कि अभी तक हो ये रहा था कि कांट्रेक्ट् पर पोल्ट्री फार्मिंग कराने वाली कंपनियां मुर्गा बाजार में रेट ऊपर-नीचे कर रहीं थी. मंडी रेट से अलग जाकर अपने रेट पर मुर्गे बाजार में बेच रहीं थी. जिसका असर छोटे पोल्ट्री फार्मर पर पड़ रहा था. लेकिन अब उन्हीं छोटे फार्मर ने बड़ी कंपनियों को टक्ककर देना शुरू कर दिया है. इसमे वो फार्मर भी शामिल हैं जो खुद बड़ी कंपनियों से जुड़े हुए हैं. पोल्ट्री फार्मर अब बाजार में कंपनियों को टक्कर देने के लिए अपना मुनाफा कम कर सस्ते में मुर्गे बेच रहे हैं.