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Monsoon Updates: इस साल कहां होगी अच्छी बारिश और कहां पड़ सकता है 'सूखा', पढ़ें पूरी बात

Monsoon Updates: इस साल कहां होगी अच्छी बारिश और कहां पड़ सकता है 'सूखा', पढ़ें पूरी बात

हर साल आम व्यक्ति से लेकर किसान तक सभी को मॉनसून का इंतजार होता है. शहरों में जहां मॉनसून सिर्फ बारिश की फुहारों से जुड़ी उमंग है तो गांव और किसानों के लिए बारिश एक उम्मीद है सपने पूरे होने की और एक भरोसा है आने वाले अच्छे समय का. जानिए मॉनसून को लेकर इस साल क्या है अपडेट और क्या कहता है IMD का अपडेट-

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आईएमडी ने मॉनसून की बारिश का पूर्वानुमान जारी कर दिया है आईएमडी ने मॉनसून की बारिश का पूर्वानुमान जारी कर दिया है

इस साल पूरे देश में मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD  ने सामान्य मॉनसून रहने की उम्मीद जताई है. देश के कुछ राज्यों को छोड़ दें तो इस बार मॉनसून की बारिश अच्छी होगी. आईएमडी के डायरेक्टर जनरल डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मॉनसून की स्थिति की पूरी जानकारी दी. महापात्रा ने कहा कि इस साल पूरे देश में सामान्य मॉनसून रहने की संभावना है. अल-नीना को लेकर व्याप्त चिंताओं पर भी आईएमडी के डायरेक्टर जनरल ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मॉनसून सीजन के दौरान अल-नीनो की स्थिति बन सकती है.

डॉ. महापात्रा ने कहा कि मॉनसून के दौरान अल-नीनो के हालात बनेंगे और जुलाई में इसके प्रभाव देखे जा सकते हैं. पूरे पूर्वानुमान की बात करें तो इस साल देश में 96 परसेंट बारिश की संभावना के साथ सामान्य मॉनसून रहने की संभावना है. हालांकि आईएमडी की तरफ से मई के शुरुआती दिनों में पूरे देश में मॉनसूनी बारिश का अनुमान जारी किया जाएगा. उसमें हर स्तर के पूर्वानुमान की जानकारी दी जाएगी.

इन राज्यों में होगी सामान्य बारिश

आईएमडी के मुताबिक, कर्नाटक, केरला, गोवा, आंध्र प्रदेश, दक्षिण तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी, पूर्व मध्य भारत के राज्य जैसे छत्तीसगढ़, ओडिशा और पूर्वी भारत में झारखंड, बिहार में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है.

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इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, आसाम में भी सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है. हालांकि कुछ राज्यों में बारिश कम होने की भी संभावना है. आईएमडी ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम सामान्य बारिश होने का अनुमान है.

इन राज्यों में कम होगी बारिश

आईएमडी ने कहा कि उत्तर भारत के कई इलाकों जैसे जम्मू कश्मीर, पंजाब और यूपी के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना बनी हुई है. देश के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. इसमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के नाम शामिल हैं.

बारिश का क्या है पूर्वानुमान

आईएमडी के मुताबिक, 2023 दक्षिण-पश्चिम मॉनसून वर्षा के लिए पूर्वानुमान: मात्रात्मक रुप से मानसून ऋतु (जून से सितम्बर) वर्षा ± 5% मॉडल त्रुटि के साथ दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 96% (सामान्य)होने की संभावना है. 1971-2020 की अवधि के लिए पूरे देश में ऋतुनिष्ठ वर्षा का दीर्घावधि औसत (LPA) 87 सेंमी. है. 

खेती के लिए राहत की खबर

आईएमडी का यह पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र के लिए एक राहत भरी खबर है, जो फसल उत्पादन के लिए मॉनसून की बारिश पर बहुत अधिक निर्भर करता है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम (जून से सितंबर तक) के दौरान सामान्य बारिश देखने को मिलेगी. यह लगभग 87 सेमी की लंबी अवधि के औसत का 96 फीसद (5 फीसद की त्रुटि मार्जिन के साथ) होने की संभावना है."

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आईएमडी के मौसम विज्ञान महानिदेशक एम महापात्र ने कहा कि सामान्य से सामान्य से अधिक बारिश होने की 67 फीसद संभावना है. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 से मार्च 2023 तक उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया के ऊपर बर्फ से ढका क्षेत्र सामान्य से नीचे था. उत्तरी गोलार्द्ध के ऊपर एक कम बर्फ का आवरण भारत के बाद के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वर्षा के लिए अनुकूल माना जाता है. 

पूरे देश में अच्छी बारिश का अनुमान

2019 से भारत में मॉनसून के मौसम के दौरान लगातार चार वर्षों तक सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश देखी गई है. महापात्र ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत, पश्चिम-मध्य और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में सामान्य से सामान्य से कम बारिश की भविष्यवाणी की गई है. उन्होंने कहा, "प्रायद्वीपीय क्षेत्र के कई हिस्सों, पूर्व-मध्य, पूर्व, पूर्वोत्तर क्षेत्रों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य वर्षा होने की संभावना है."

इतना क्यों जरूरी है मॉनसून

देश में 2018 में सीजन में 804.1 मिमी, 2017 में 845.9 मिमी, 2016 में 864.4 मिमी और 2015 में 765.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई. देश की 52 फीसद कृषि बारिश के पानी पर निर्भर है. इस लिहाज से मॉनसून का पूर्वानुमान किसान और सरकार सबके लिए महत्वपूर्ण बन जाता है. देश में कुल खाद्दान्न उत्पादन का 40 परसेंट हिस्सा इसी मॉनसूनी बारिश से आता है जो इसे भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देता है.