Cabinet Decision: नेचुरल फॉर्म‍िंग म‍िशन शुरू करेगी सरकार, एक करोड़ क‍िसानों को जोड़ने का टारगेट

Cabinet Decision: नेचुरल फॉर्म‍िंग म‍िशन शुरू करेगी सरकार, एक करोड़ क‍िसानों को जोड़ने का टारगेट

देश में नेचुरल फॉर्म‍िंग का पहला एक्सपेर‍िमेंट 2019-20 में हुआ था. इसका अच्छा र‍िजल्ट आया. कई लोगों ने इसको बहुत उत्साह के साथ अपनाया. इसके बाद 2022-23 में एक और बड़ा एक्सपेर‍िमेंट क‍िया गया. इसके तहत गंगा के क‍िनारे दोनों तरफ 5-5 क‍िलोमीटर का कोर‍िडोर लेकर नेचुरल फॉर्म‍िंग और केम‍िकल फ्री फॉर्म‍िंग पर काम क‍िया गया.  

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Cabinet Decision: नेचुरल फॉर्म‍िंग म‍िशन शुरू करेगी सरकार, एक करोड़ क‍िसानों को जोड़ने का टारगेटनेचुरल फॉर्म‍िंग म‍िशन पर क‍ितना पैसा खर्च होगा?

केंद्र सरकार ने धरती की सेहत बचाने के ल‍िए एक बड़ा फैसला ल‍िया है. कैब‍िनेट ने नेशनल म‍िशन ऑन नेचुरल फॉर्म‍िंग (NMNF) की शुरुआत का ऐलान क‍िया है. इस पर 2,481 करोड़ रुपये खर्च क‍िए जाएंगे. प्राकृतिक खेती के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत 1 करोड़ किसानों को शामिल करने का टारगेट सेट क‍िया गया है. कैब‍िनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया क‍ि देश में नेचुरल फॉर्म‍िंग का पहला एक्सपेर‍िमेंट 2019-20 में हुआ था. इसका अच्छा र‍िजल्ट आया. कई लोगों ने इसको बहुत उत्साह के साथ अपनाया. इसके बाद 2022-23 में एक और बड़ा एक्सपेर‍िमेंट क‍िया गया. इसके तहत गंगा के क‍िनारे दोनों तरफ 5-5 क‍िलोमीटर का कोर‍िडोर लेकर नेचुरल फॉर्म‍िंग और केम‍िकल फ्री फॉर्म‍िंग पर काम क‍िया गया. 

इन दोनों एक्सपेर‍िमेंट का बहुत अच्छा पर‍िणाम आया. इसके तहत देश भर में 9.6 लाख हेक्टेयर कवर क‍िया गया. इस सफलता के बाद अब सरकार ने इस म‍िशन की शुरुआत की है. ताक‍ि धरती की सेहत अच्छी रहे और लोगों को खानेपीने की चीजें केम‍िकल फ्री म‍िलें. इस बात बहुत ध्यान रखा जा रहा है क‍ि जो लोग या पंचायतें नेचुरल फॉर्म‍िंग करने के इच्छुक हैं उनको आगे लाएं. ऐसे लोगों को पूरी मदद दी जाएगी. 

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क्या है म‍िशन का मकसद

1. प्रकृति आधारित सस्टनेबल एग्रीकल्चर स‍िस्टम को बढ़ावा देना. बाहर से खरीदे गए इनपुट पर निर्भरता कम करना. म‍िट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करना और क‍िसानों की इनपुट लागत को कम करना. 

2. इंटीग्रेटेड एग्रीकल्चर-एन‍िमल हस्बेंडरी मॉडल को लोकप्रिय बनाना. सभी के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना. 

3. भारतीय कृष‍ि अनुसंधान पर‍िषद से जुड़े संस्थानों, केवीके, कृषि विश्वविद्यालयों आदि की एग्रो-इकोलॉज‍िकज र‍िसर्च और ज्ञान-आधारित विस्तार क्षमता को मजबूत करना. 

4. प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के अनुभव और वैज्ञानिक विशेषज्ञता को एक साथ लाना.  

5. प्राकृतिक रूप से उगाए गए रसायन मुक्त उत्पादों के लिए मानक और आसान सर्ट‍िफ‍िकेशन.  

6. प्राकृतिक रूप से उगाए गए रसायन मुक्त उत्पादों के लिए राष्ट्रीय ब्रांड बनाना और उसे बढ़ावा देना. 

राज्यों का भी ह‍िस्सा होगा

नेचुरल फॉर्म‍िंग म‍िशन में 2025-26 तक कुल 2481 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें 1584 करोड़ रुपये भारत सरकार और 897 करोड़ राज्यों का ह‍िस्सा होगा. अगले दो वर्षों में, एनएमएनएफ को इच्छुक ग्राम पंचायतों के 15,000 समूहों में लागू किया जाएगा. इसके अलावा, किसानों को इस खेती में उपयोग करने के लिए तैयार इनपुट की आसान उपलब्धता करवाने की जरूरत को देखते हुए 10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (बीआरसी) स्थापित क‍िए जाएंगे. एनएमएनएफ के तहत, कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों और किसानों के खेतों पर लगभग 2000 मॉडल प्रदर्शन फार्म स्थापित किए जाएंगे.

ट्रेंड क‍िए जाएंगे क‍िसान

इच्छुक किसानों को उनके गांवों के नजदीक केवीके, एग्रीकल्चर यून‍िवर्स‍िटी और प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के खेतों में प्राकृतिक उर्वरक पैकेज, प्राकृतिक उर्वरक इनपुट की तैयारी आदि पर मॉडल प्रदर्शन फार्मों में ट्रेंड किया जाएगा. लगभग 18.75 लाख ट्रेंड किसान अपने पशुओं का उपयोग करके या बीआरसी से खरीद कर जीवामृत, बीजामृत आदि जैसे इनपुट तैयार करेंगे. प्राकृतिक खेती के तरीकों से किसानों को खेती की इनपुट लागत और बाहर से खरीदे गए इनपुट पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी. एनएमएनएफ कार्यान्वयन की निगरानी एक ऑनलाइन पोर्टल के जर‍िए की जाएगी.  

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