कृषि के क्षेत्र के कई किसानों के लिए कई जरूरी चीजें होती है उसमें एक बिलजी भी है. दरअसल बिहार में बिजली कंपनी ने कृषि के कामों के लिए कृषि फीडर की आधारभूत संरचना निर्माण को लेकर कट ऑफ तय कर लिया है. इसको लेकर वो अगले हफ्ते विधिवत रूप से इसकी सूचना सार्वजनिक कर देगी. वहीं इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जिस इलाके के खेतों में बिजली की खपत कम से कम आधा मेगावाट तक संभावित होगी वहीं पर कृषि फीडर की स्थापना संभव हो सकेगी.
बिजली कंपनी के संबंधित अधिकारी ने बताया कि कट ऑफ की सूचना अगले हफ्ते विधिवत रूप से जारी हो जाएगी. इसके बाद कृषि फीडर की स्थापना के लिए एजेंसी तय करने के लिए निविदा हो जाएगी. इससे संबंधित एजेंसी को इस कृषि फीडर के मेंटेनेंस के काम को भी देखना है.
राज्य के किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए बिजली कंपनी ने यह फैसला किया है कि धान की कटनी पूरी तरह से खत्म हो जाने के बाद कृषि फीडर लगाए जाने के काम को विधिवत तरीके से शुरू किया जाएगा. मोटे तौर पर अभी पोल की संख्या के आकलन पर काम हो रहा है.
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कृषि फीडर को जिस संभावित क्षेत्र में लगाया जाना है. वहां किस तरह से वहां पास के विद्युत उपकेंद्र तक बिजली का तार आएगा इस पर भी योजना बनाई जा रही है. वहीं आपको बता दें कि इसमें तार इस तरह के होंगे जिसमें टोका फंसाना संभव नहीं हो पाएगा. इसमें जेली केबल लगाए जाएंगे.
एग्रीकल्चर फीडर में पहले से ये समस्या रही है कि बिजली की खपत कितनी हुई इसकी रीडिंग के लिए वहां जाने में परेशानी होती है. अब यह व्यवस्था की गई है कि सभी तरह के कनेक्शनों की तरह कृषि कार्य के लिए जो कनेक्शन दिया जाएगा. वह भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ होंगे. किसान अपनी जरूरत के हिसाब से रिचार्ज करा सकेंगे. रिचार्ज खतम होने के बाद बिजली अपने आप ही कट जाएगी. जिससे बिजली कंपनी को मीटरिंग करने में आसानी होगी. वहीं किसानों को भी अपनी फसलों की सिंचाई करने में आसानी होगी.
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