भारतीय किसान अब पारंपरिक फसलों की खेती को छोड़कर व्यवसायिक खेती की और तेजी से रुख कर रहे हैं. एक ऐसी ही खेती है अदरक की खेती जिसकी मांग सर्दियों के दिनों में काफी बढ़ जाती है. अदरक को चाय से लेकर सब्जी बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इससे सौंठ बनाई जाती है जिसका बाजार में कच्ची अदरक से ज्यादा भाव मिलता है. इस तरह देखा जाए तो अदरक की खेती से किसान आसानी से बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
इसके अलावा अदरक का इस्तेमाल मसाले के रूप में चटनी, जैली, शर्बत, चाट, सब्जी, अचार तक में किया जाता है. इसके अलावा सालभर बाजार में इसकी मांग बनी रहती है. ऐसे किसान अदरक की खेती आसानी से कर सकता है.
अदरक की खेती गर्म प्रदेशों में की जाती है. इसके लिए औसतन 25 डिग्री से 35 डिग्री का तापमान उपयुक्त रहता है. इसके खेतों का चयन करते वक्त ये ध्यान रखें कि वहां जलनिकासी की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध हो. जलनिकासी की बेहतर व्यवस्था नहीं होने पर फसल को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. साथ ही ध्यान रखें कि अदरक की फसल बलुई दोमट और चिकनी मिट्टी में काफी अच्छे तरीके से विकसित होती है.
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अदरक की बुवाई करते समय सबसे जरुरी चीज होती है कतार. इसके लिए आपको एक कतार से दूसरे कतार की दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 25 से 25 सेंटीमीटर होना चाहिए. बुवाई के बाद हल्के मिट्टी या गोबर की खाद से इसके बीजों को ढक देना चाहिए.
अदरक की फसल को तैयार होने में 08 से 09 महीने का समय लग सकता है. एक हेक्टेयर में अदरक की पैदावार 150 से 200 क्विंटल तक हो सकती है. एक हेक्टेयर में अदरक की खेती में करीब 07 से 08 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है. इस वक्त बाजार में अदरक करीब 100-120 रुपये प्रति किलो बिक रही है. यदि इसे 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से माने तो एक हेक्टेयर में 25 लाख रुपये तक की आसानी से कमाई की जा सकती है.
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