खेती-किसानी में खाद का बहुत बड़ा योगदान होता है. अच्छी फसल के लिए सही और गुणवत्तापूर्ण खाद का इस्तेमाल जरूरी है. लेकिन आजकल बाजार में नकली खाद भी बड़ी मात्रा में मिलने लगी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. खासकर यूरिया जैसी आमतौर पर उपयोग की जाने वाली खाद में नकली माल मिलने की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसे में असली और नकली खाद की पहचान करना हर किसान के लिए जरूरी हो गया है.
नकली यूरिया खाद की पहचान करना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन असंभव नहीं. नकली यूरिया देखने में अक्सर मिट्टी जैसी या ढेलेदार होती है. इसका रंग सफेद नहीं बल्कि हल्का भूरा या मटमैला होता है. कभी-कभी इसमें एक हल्की प्राकृतिक गंध भी महसूस होती है, जो असली यूरिया में नहीं पाई जाती. सबसे जरूरी बात ये है कि नकली यूरिया पानी में पूरी तरह घुलती नहीं है. जब इसे पानी में मिलाया जाता है, तो कुछ हिस्सा घुलता है और बाकी नीचे तलछट के रूप में बैठ जाता है. यह दर्शाता है कि खाद शुद्ध नहीं है और उसमें मिलावट की गई है.
असली यूरिया की पहचान करना थोड़ा आसान होता है. यह पूरी तरह से सफेद, चमकदार और क्रिस्टल जैसा दानेदार होता है. इसकी बनावट एकदम साफ-सुथरी होती है और इसमें किसी प्रकार की गंध नहीं आती. जब असली यूरिया को पानी में मिलाया जाता है, तो यह पूरी तरह घुल जाता है और उसमें कोई भी तलछट नहीं बचती. यही असली खाद की सबसे खास बात होती है जो उसकी गुणवत्ता को साबित करती है.
नकली खाद के इस्तेमाल से फसलों को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे उनकी बढ़वार पर असर पड़ता है और उत्पादन में गिरावट आ जाती है. साथ ही इससे मिट्टी की सेहत भी खराब होती है, जिसका प्रभाव लंबे समय तक फसलों पर पड़ सकता है. इसलिए खाद की खरीदारी करते समय उसकी पहचान अच्छी तरह से करें और सिर्फ प्रमाणित विक्रेता से ही खाद लें.
अगर आपको खाद की पहचान में संदेह हो या और जानकारी चाहिए, तो नजदीकी किसान कॉल सेंटर से संपर्क करें. खाद की सही पहचान, फसल की बेहतर जान!
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