उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे सभी पात्र और जरूरतमंद किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत समय पर लोन उपलब्ध कराएं. उन्होंने लीड बैंक तथा अन्य सभी संबंधित बैंकों द्वारा केसीसी पर अपनाई गई कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की. कृषि मंत्री शाही ने बैंको को युद्ध स्तर पर कार्य करके हर जरूरतमंद किसानों को केसीसी का लाभ पहुंचाने के लिए निर्देशित किया. इसके लिए प्रदेश में एक विशेष अभियान 31 जुलाई तक चलाया जाएगा.
बैठक के दौरान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने हर बैंक से KCC के तहत वितरित किए गए ऋण का पूरा ब्योरा मांगा. जब बैंक अधिकारियों के जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने निर्देश दिया कि 31 जुलाई तक पूरे उत्तर प्रदेश में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लाभ सभी पात्र किसानों तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान की जानकारी व्यापक स्तर पर प्रचारित की जाए, ताकि सही जानकारी हर जरूरतमंद किसान तक पहुंचे.
शाही ने बीमा कंपनियों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अब तक तहसील स्तर पर अपने कार्यालय नहीं खोले हैं और किसानों के प्रति उनका रवैया लापरवाह है. उन्होंने आदेश दिया कि हर तहसील में बीमा कंपनियां अपने कार्यालय खोलें और किसानों को समय पर सहायता दें. इस बैठक में कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रविंद्र, कृषि सचिव इंद्र विक्रम सिंह और टीके शिबु, कृषि निदेशक पंकज कुमार त्रिपाठी, सांख्यिकी निदेशक सुमिता सिंह, कृषि विभाग के अधिकारी, बैंक और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत किसानों को काफी सस्ती दर पर लोन दिया जाता है. इसका मकसद किसानों को खेती और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए समय पर और आसान शर्तों पर लोन देना है. इस योजना के तहत किसान अल्पकालिक खेती, कटाई के बाद के खर्च, घरेलू जरूरतों, पशुपालन और खेतों की मरम्मत जैसे कई कामों के लिए लोन ले सकते हैं. सरकार इस योजना में 2% ब्याज सब्सिडी और 3% समय पर भुगतान बोनस देती है, जिससे किसान को केवल 4% सालाना ब्याज दर पर लोन मिल सकता है.
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