अक्सर मौका मिलते ही आवारा पशु खेतों में खड़ी फसलों में घुस जाते हैं और पूरी फसल को बर्बाद कर देते हैं. इससे सालों की मेहनत पर पानी फिर जाता है और किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ जाता है. इन आवारा पशुओं में सांड और छोटे बछड़ों के अलावा नील गाय प्रमुख रूप से शामिल होते हैं. कई बार ये आवारा पशु दुर्घटनाओं का भी कारण बनते हैं. कुछ ऐसा ही आवारा पशुओं से जुड़ा हुआ एक मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से आया है.
दरअसल, आवारा पशुओं द्वारा फसलों को बर्बाद किए जाने से तंग आकर यहां के कई गांवों के किसानों ने कथित तौर पर बीते दिन ऐसे पशुओं को सरकारी स्कूलों में बंद कर दिया.
उत्तर प्रदेश के रसूलपुर कलां, करिया बैन, असलौर, अचौरा, कुंद्रा माजरा, हजरतपुर और अभिगांव समेत कई गांवों के किसानों ने आवारा पशुओं को लाठी डंडों से खदेड़ कर बीते दिन सरकारी स्कूल में बंद कर दिया था. उन्होंने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, किसानों ने आरोप लगाया कि आवारा पशु उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं इसलिए मजबूरवश उन्होंने इन आवारा पशुओं को स्कूल में बंद किया है.
किसानों का आरोप है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद अधिकारियों ने आवारा पशुओं की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया. जिलाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि संबंधित एसडीएम और तहसीलदारों को तुरंत उन स्कूलों में भेजा गया जहां आवारा पशुओं को बंद कर दिया गया था और वहां से पशुओं को दूसरे जगह पर शिफ्ट करने के लिए अस्थायी गौशाला तैयार की जा रही है. साथ ही उनके चारे की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है.
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मनोज कुमार के अनुसार, जिले में कई गौशालाओं का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इसके साथ ही बित्रोई गांव में फैक्ट्री के बंद पुराने गोदाम व टीन शेड को गौशाला के रूप में उपयोग करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है. वही पुलिस ने कहा कि आवारा पशुओं को बंद करने के संबंध में अभी तक शिक्षा विभाग या स्कूल अधिकारियों द्वारा कोई शिकायत नहीं मिली है. इसलिए, कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है.
साभार: पीटीआई
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