scorecardresearch
पंजाब में पराली प्रबंधन पर खर्च होंगे 500 करोड़ रुपये, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने किया ऐलान

पंजाब में पराली प्रबंधन पर खर्च होंगे 500 करोड़ रुपये, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने किया ऐलान

लुध‍ियाना में शुक्रवार को पंजाब कृषि विश्‍वविद्यालय में किसान मेले का उद्घाटन हुआ. वहीं, गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में दो दिवसीय पशुपालन मेले की शुरूआत हुई. इस दौरान राज्‍य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पराली प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये की घोषणा की.

advertisement
पराली प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये देगी सरकार. (फाइल फोटो) पराली प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये देगी सरकार. (फाइल फोटो)

पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुध‍ियाना में किसान मेले और गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (जीएडीवीएएसयू), लुधियाना में पशुपालन मेले का उद्घाटन किया. मंत्री ने कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की सराहना की. उन्होंने किसानों को राज्य सरकार के पूर्ण समर्थन की बात कही. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने धान की पराली प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये की घोषणा की.

पिछली बार जारी किए गए थे 350 करोड़

हिंदुस्‍तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने कहा कि पिछले साल पराली प्रबंधन के लिए 350 करोड़ जारी किए गए थे. इस बार केंद्र और राज्य सरकार ने 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. उन्‍होंने कहा कि पंजाब तभी खुशहाल होगा, जब उसके किसान समृद्ध होंगे. यह मेला किसानों के लिए पूजा का स्थान है. उन्होंने किसानों से पराली न जलाने और प्रदूषण मुक्त वातावरण, मानवता के कल्याण के लिए धान की पराली प्रबंधन तकनीक अपनाने के लिए कहा. 

इधर, पंजाब के कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने बताया कि 6,000 पराली प्रबंधन मशीनें पहले ही किसानों तक पहुंचाई जा चुकी है. उन्होंने किसानों से धान की पराली के निपटान के लिए इन-सीटू मशीनों का उपयोग करने का आग्रह किया है. उन्होंने किसानों से भूजल स्तर में गिरावट को लेकर जागरूक रहते हुए का खेती करने का आग्रह किया. उन्होंने किसानों से पानी बचाने के लिए कम पानी की खपत वाली धान की फसलों को अपनाने के लिए कहा.

ये भी पढ़ें -  इस राज्य में खेती से जुड़ा बिजनेस करने के लिए मिल रही है सब्सिडी, किसान ऐसे उठा सकते हैं लाभ

 

किसान और कृषि वैज्ञानिक सम्‍मानित किए गए

पंजाब कृषि विश्‍वविद्यालय के किसान मेले में कुल मिलाकर छह प्रगतिशील किसानों और एक किसान महिला को कृषि, बागवानी और उद्यमिता में उत्कृष्टता के लिए पुरस्‍कार दिया गया. साथ ही पांच पंजाब कृषि विश्‍वविद्यालय वैज्ञानिकों, जीके सिक्का, बीएस सेखों, जीएस मानेस, मनदीप सिंह और करमजीत शर्मा को भी कृषि अनुसंधान और विस्तार में जबरदस्त योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया. 

पशुपालन मेले में आए लोग

गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशुपालन मेले में विभिन्न विभागों ने पशुपालकों को जागरूूक करने और फायदा पहुंचाने के लिए अलग-अलग स्टॉल लगाए गए. मेला ग्राउंड में दो दिवसीय कार्यक्रम में किसानों, वैज्ञानिकों, डेयरी-चारा-मत्स्य अधिकारियों, विभिन्न पशु चिकित्सा फार्मास्यूटिकल्स और कृषि व्यवसाय फर्मों को पशुधन क्षेत्र में आने वाली नई तकनीकों और योजनाओं के बारे में अपना अनुभव और जानकारी दिखाने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है.

विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ प्रकाश सिंह बराड़ ने बताया कि शुक्रवार को बड़ी संख्या में किसानों ने बकरी, सुअर और मछली पालन करने में रुचि दिखाई और विशेष रूप से उनके प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में पूछताछ की. मेले में लोगों ने मत्स्य पालन व्यवसाय, सजावटी मछली, झींगा पालन और खारे पानी की मछलियों के बारे में जानकारी ली. 

मंत्री गुरमीत सिंह ने कहा कि डेयरी फार्मिंग एक ऐसा पेशा है, जिससे हमें रोजाना कमाई होती है. उन्होंने कहा कि सरकार किसान समुदाय के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है. ऐसे में किसान बेहतर आय के लिए पशुधन से अपने उद्यम विकसित करें. वहीं, कुलपति डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ने कहा, "हम पशुधन उत्पादों के मूल्यवर्धन को बढ़ावा दे रहे हैं.