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Dairy Milk: धान, गेहूं, गन्ने से कई गुना अधिक टर्नओवर है इस सेक्टर का, पीएम मोदी ने की तारीफ 

Dairy Milk: धान, गेहूं, गन्ने से कई गुना अधिक टर्नओवर है इस सेक्टर का, पीएम मोदी ने की तारीफ 

पीएम नरेन्द्र  मोदी का कहना है कि भारत के डेयरी सेक्टर में आठ करोड़ लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. बीते 10 साल की बात करूं तो, भारत में दूध उत्पादन करीब 60 फीसद बढ़ा है. पिछले 10 वर्षों में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता भी करीब 40 फीसद बढ़ी है. दुनिया में डेयरी सेक्टर सिर्फ दो फीसद की दर से आगे बढ़ रहा है, जबकि भारत में डेयरी सेक्टर छह फीसद की दर से आगे बढ़ रहा है.

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अक्सर कहा जाता है कि देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम रोल है. लेकिन इसके साथ ही किसानों से जुड़ा एक और सेक्टर है जिसका सालाना टर्न ओवर धान, गेहूं और गन्ने की फसल से कई गुना ज्यादा है. आज पीएम नरेन्द्र  मोदी ने जमकर इस सेक्टर की तारीफ की. मौका था गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएफएमफ) के गोल्डान जुबली समारोह का. गौरतलब रहे अमूल डेयरी को यही संस्था चलाती है. पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि आज देश के डेयरी सेक्टर का सालाना टर्न ओवर 10 लाख करोड़ का है. इस दौरान उन्होंने जीसीएफएमफ और उसके ब्रांड अमूल की भी खूब तारीफ की. 

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर की एक सबसे बड़ी खासियत है, लेकिन उसकी उतनी चर्चा नहीं होती. आज इस मौके पर मैं इस पर भी चर्चा करना चाहता हूं. भारत में 10 लाख करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले डेयरी सेक्टर की मुख्य कर्ताधर्ता देश की नारी शक्ति है. हमारी माताएं हैं, हमारी बहनें और हमारी बेटियां हैं. डेयरी सेक्टर में 70 फीसद काम करने वाली हमारी माताएं-बहनें, बेटियां ही हैं. भारत के डेयरी सेक्टर की असली रीढ़ यही महिला शक्ति है.

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अमूल की कामयाबी के पीछे भी महिलाएं हैं 

पीएम नरेन्द्र  मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में अमूल के प्रोडक्ट निर्यात किए जाते हैं. 18 हजार से ज्यादा दुग्ध सहकारी मंडली, 36 लाख किसानों का नेटवर्क, हर दिन साढ़े तीन करोड़ लीटर से ज्यादा दूध जमा करना, हर रोज पशुपालकों को 200 करोड़ रुपए से अधिक का ऑनलाइन पेमेंट करने जैसे ये काम आसान नहीं हैं. छोटे-छोटे पशुपालकों की ये संस्था आज जिस बड़े पैमाने पर काम कर रही है और आज अमूल कामयाबी की जिस ऊंचाई पर है उसमे भी सिर्फ और सिर्फ महिला शक्ति का ही हाथ है.

आज जब भारत वीमेन लीड डवलपमेंट के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है, तो भारत के डेयरी सेक्टर की ये सफलता उसके लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा है. मैं मानता हूं कि भारत को विकसित बनाने के लिए भारत की हर एक महिला की आर्थिक शक्ति बढ़ाना बहुत जरूरी है. यही वजह है कि आज हमारी सरकार महिलाओं की आर्थिक शक्ति बढ़ाने के लिए चौतरफा काम कर रही है. मुद्रा योजना के तहत सरकार ने जो 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद दी है उसमे करीब 70 फीसद लाभार्थी बहन-बेटियां ही हैं.

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कोऑपरेटिव सोसाइटी से अब पशुपालन, मछलीपालन बढ़ाने की तैयारी 

पीएम नरेन्द्र  मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कोऑपरेटिव सोसाइटी का दायरा बढ़ा रहे हैं. इसके लिए पहली बार हमने केंद्र में अलग से सहकारिता मंत्रालय बनाया है. आज देश के दो लाख से अधिक गांवों में कोऑपरेटिव सोसाइटियों का निर्माण किया जा रहा है. खेती हो, पशुपालन, मछलीपालन हो  इन सभी सेक्टर में ये सोसाइटियां बनाई जा रही हैं. देश में 10 हजार किसान उत्पादक संघ यानि FPO बनाए जा रहे हैं. इसमे से करीब आठ हजार बन भी चुके हैं. ये छोटे किसानों के बड़े संगठन हैं.