एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो देश में लगातार गधे-घोड़े और ऊंटों की संख्या में कमी आ रही है. साल 2012 और 2019 की पशुगणना भी इसी ओर इशारा कर रही है. सबसे ज्यादा खतरा ऊंटों पर आया है. इसी परेशानी से निपटने और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने गधे-घोड़े और ऊंटों को भी नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (एनएलएम) में शामिल किया है. अब अगर कोई इनका पालन करना चाहता है तो सरकार कुल लागत की 50 फीसद की सब्सिडी देगी. ये रकम अधिकतम 50 लाख रुपये की होगी.
साथ ही इनकी नस्ल संरक्षण के लिए राज्यों सरकारों को भी केन्द्र की ओर से मदद दी जाएगी. बुधवार को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनएलएम में हुए संशोधन को मंजूरी दे दी है. इतना ही नहीं देश में चारे की कमी को देखते हुए भी चारा बीज, चारा फसल, फसल से जुड़ी मशीनरी और चारा भंडारण के लिए भी सब्सिडी देने की घोषणा की है. राज्य सरकारों के लिए भी स्कीम बनाई गई है.
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केन्द्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति, एफपीओ, एसएचजी, जेएलजी, एफसीओ और धारा 8 की कंपनी एनएलएम के तहत गधे-घोड़े और ऊंट पालन के लिए आवेदन करता है तो उसे स्कीकम के तहत कुल लागत की 50 फीसद सब्सिडी का फायदा दिया जाएगा. सब्सिडी की ये रकम 50 लाख रुपये तक होगी. मतलब अगर आपका प्लान एक करोड़ रुपये का है तो केन्द्र सरकार उसमे 50 लाख रुपये की मदद देगी.
इतना ही नहीं अगर कोई राज्य सरकार गधे-घोड़े और ऊंट की नस्ल संरक्षण के लिए काम करती है तो केन्द्र सरकार उसे भी मदद देगी. जैसे अगर कोई राज्य सरकार गधे-घोड़े और ऊंट संरक्षण के लिए वीर्य स्टेशन और न्यूक्लियस प्रजनन फार्म की स्थापना करना चाहती है तो उसे केन्द्र की ओर से 10 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
केन्द्र सरकार ने जानकारी देते हुए बताया है कि अगर कोई निजी कंपनी, स्टार्ट-अप, एसएचजी, एफपीओ, एफसीओ, जेएलजी, किसान सहकारी समिति चारा बीज प्रोसेसिंग यूनिट जैसे प्रसंस्करण, ग्रेडिंग और चारा भंडारण के लिए यूनिट तैयार करने के साथ ही धारा आठ की कंपनी ग्रेडिंग प्लांट के साथ बीज भंडारण गोदाम, भवन निर्माण, रिसीविंग शेड, ड्राईिग प्लेटफॉर्म, मशीनरी आदि की यूनिट तैयार करना चाहती है तो सरकार की ओर से लागत की 50 लाख रुपये तक की 50 फीसद सब्सिडी दी जाएगी.
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सभी तरह की योजनाओं के लिए ये शर्त होगी कि यूनिट की 50 फीसद लागत का इंतजाम आवेदक को बैंक या फिर खुद से करना होगा. चारे की यूनिट में भी राज्य सरकारों को शामिल किया गया है. जैसे राज्य सरकार को गैर-वन भूमि, बंजर भूमि, श्रेणी भूमि, गैर कृषि योग्य भूमि के साथ ही वन भूमि गैर वन बंजर भूमि, रंगभूमि, गैर-कृषि योग्य भूमि में चारे की खेती के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी.
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