गेहूं की खरीद देश भर के प्रमुख खरीद करने वाले राज्यों में सुचारू रूप से चल रही है. रबी मार्केटिंग सीजन यानी आरएमएस 2025-26 के दौरान गेहूं की खरीद के लिए निर्धारित 312 लाख मीट्रिक टन के अनुमानित लक्ष्य के मुकाबले अब तक केंद्रीय पूल में 256.31 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. इस साल 30 अप्रैल तक खरीदे गए गेहूं की मात्रा पिछले साल की इसी तारीख को हुई कुल खरीद 205.41 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो चुकी है, जो 24.78 परसेंट की वृद्धि दर्शाती है. सभी 5 प्रमुख गेहूं खरीद करने वाले राज्य अर्थात पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक गेहूं खरीदा है.
आरएमएस 2025-26 के दौरान कुल 21.03 लाख किसान लाभान्वित हो चुके हैं, जिसमें कुल एमएसपी 62155.96 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. खरीद में प्रमुख योगदान पांच खरीद करने वाले राज्यों पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आया है, जहां क्रमशः 103.89 एलएमटी, 65.67 एलएमटी, 67.57 एलएमटी, 11.44 एलएमटी और 7.55 एलएमटी की खरीद की गई है.
आरएमएस 2025-26 में खरीद अवधि अभी भी काफी समय बाकी है, इसलिए देश केंद्रीय पूल के लिए गेहूं खरीद के पिछले साल के आंकड़ों को काफी हद तक पार करने की ओर अग्रसर है. इस वर्ष गेहूं खरीद की मात्रा के बारे में सकारात्मक परिणाम के पीछे खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के प्रयासों को बताया जा रहा है, जिसकी शुरुआत पिछले वर्षों से मिली सीखों के आधार पर की गई और जिन्हें राज्यों के साथ काफी पहले ही साझा किया गया. इससे गेहूं की खरीद में तेजी आई.
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किसानों के बीच जागरूकता पैदा करना, किसानों का पंजीकरण, खरीद केंद्रों की तैयारी, किसानों को एमएसपी का समय पर भुगतान आदि जैसी कार्रवाई की समीक्षा बैठकों के माध्यम से नियमित आधार पर निगरानी की गई ताकि किसी भी संभावित अड़चन को समय पर दूर किया जा सके. ज्यादातर मामलों में, किसानों को एमएसपी का भुगतान 24 से 48 घंटों के भीतर किया गया. यही वजह है कि किसान इस बार सरकारी केंद्रों पर अपनी उपज लेकर पहुंच रहे हैं और एमएसपी का लाभ उठा रहे हैं.
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से किए गए उपायों में गेहूं स्टॉक पोर्टल के माध्यम से स्टॉकहोल्डिंग सीमा को अनिवार्य करना, एफएक्यू मानदंडों में छूट के लिए समय पर मंजूरी देना, जरूरत के अनुसार समय पर कार्रवाई की सुविधा के लिए अधिकारियों द्वारा पहचाने गए जिलों का दौरा करना शामिल है. इन सभी कदमों से गेहूं की खरीद को बढ़ाने का मौका मिला और इसमें लगातार तेजी देखी जा रही है. अनुमान है कि इस बार भी गेहूं का उत्पादन रिकॉर्डतोड़ रहेगा और किसानों से भी रिकॉर्ड खरीद होगी.
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