Soybean Price: भावांतर योजना से पहले सोयाबीन के भाव धड़ाम, खाद्य तेल का भारी आयात जारी, कैसे मिलेगा MSP?

Soybean Price: भावांतर योजना से पहले सोयाबीन के भाव धड़ाम, खाद्य तेल का भारी आयात जारी, कैसे मिलेगा MSP?

मध्य प्रदेश में सोयाबीन किसानों को एमएसपी से कम 3500 से 4000 रु/क्विंटल पर फसल बेचनी पड़ रही है. एक ओर जहां उत्पादन घटने की आशंका है, फिर भी किसानों को उपज की सही कीमत नहीं मिल रही है. वहीं, सितंबर में खाद्य तेलों के आयात में वृद्धि दर्ज की गई है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि किसानों को सोयाबीन की सही कीमत कैसे मिलेगी...

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भावांतर योजना से पहले सोयाबीन के भाव धड़ाम, खाद्य तेल का भारी आयात जारी, कैसे मिलेगा MSP?सोयाबीन की कीमतों में गिरावट

देश में एक ओर खाद्य तेल उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भर बनाने का मिशन चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर किसानों को एमएसपी से काफी कम दाम पर सोयाबीन की उपज बेचने पड़ रही है, जिससे किसानों में काफी रोष है. सोयाबीन के नंबर-1 उत्‍पादक राज्‍य मध्‍य प्रदेश की ज्‍यादातर मंडियों में मॉडल कीमतें 3500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल बनी हुई है. वह भी तब, जब प्रदेश में कुछ ही दिनों में भावांतर योजना शुरू होने वाली है. यही नहीं एक मंडी में तो न्‍यूनतम कीमत बेहद ही कम 500 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई, जो इन किसानों की बदहाली की तस्‍वीर दिखा रही है. इन दिनों बाजार में नई सोयाबीन की आवक शुरू हो गई है, लेकिन किसानाें को सही भाव मिलता नहीं दिख रहा है. 

मध्‍य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा भाव 

  • रतलाम की आलोट मंडी में सोयाबीन (FAQ) का भाव 3801 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • खरगोन की बड़वाह मंडी में सोयाबीन (FAQ) का भाव 3500 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • सागर की बीना मंडी में सोयाबीन (FAQ) का भाव 4050 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया.
  • धार की कुक्षी मंडी में सोयाबीन (FAQ) का भाव 3900 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया.
  • खंडवा की पंधाना मंडी में पीली सोयाबीन (FAQ) 3400 रुपये प्रति क्विंटल बिकी.

MP की मंडियों में 8 हजार टन से ज्‍यादा सोयाबीन की आवक

मध्‍य प्रदेश की मंडियों में 17 अक्‍टूबर शाम 5 बजे तक में 8,855.51 टन सोयाबीन की आवक दर्ज की गई. महाराष्‍ट्र की म‍ंंडियों में 4,732.40 टन सोयाबीन की आवक दर्ज हुई. सोयाबीन का उत्‍पादन गिरने के अनुमान के बीच कम कीमतें किसानों को एक बार फिर हतोत्‍साहित कर रही है, जिससे अगले सीजन में सरकार के तिलहन आत्‍मनिर्भरता म‍िशन को झटका लगने की आशंका है.

कच्‍चे सोयाबीन तेल के आयात में व‍ृद्धि

केंद्र सरकार ने चालू मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का एमएसपी 5328 रुपये प्रति क्विंटल रुपये तय किया है. लेकिन देश में किसानों को सोयाबीन फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है. सरकार की ओर से लगातार विदेशी सोयाबीन, पाम और सूरजमुखी तेल का आयात जारी है. सॉलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के मुताबिक, बीते महीने ही वनस्‍पति तेलों के आयात में 51 प्रतिशत की भारी बढ़ाेतरी दर्ज की गई है. इस बढ़ोतरी में सबसे ज्‍यादा योगदान कच्‍चे पाम तेल का है, जबकि‍ कच्‍चे सोयाबीन तेल के आयात में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई.

सोयाबीन का उत्‍पादन 20.5 लाख टन घटने का अनुमान

बता दें कि हाल ही में सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सोयाबीन के उत्‍पादन में 20.5 लाख टन की गिरावट का अनुमान जताया है. संगठन ने अपनी रिपोर्ट में पहले से बुवाई घटने के अलावा प्रमुख उत्‍पादक राज्‍यों में बारि‍श-बाढ़ से फसल खराबे, मध्‍य प्रदेश में बीमारियों-कीटों के हमले के कारण फसल नुकसान का हवाला दिया है.

वहीं, बीते साल भी किसानों को सोयाबीन का सही दाम नहीं मिला था, जिसकी वजह से इस खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई में भी अंतर देखा गया और अगर इस साल भी दाम ऐसे ही बने रहे तो अगले साल खरीफ सीजन में फिर सोयाबीन की बुवाई और उत्‍पादन पर असर पड़ने का खतरा है.

कांग्रेस ने उठाया सोयाबीन का मुद्दा

इस सब के बीच, मध्‍य प्रदेश में सोयाबीन की कीमतों का मामला गरमाया हुआ है. बुधवार को कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष जीतू पटवारी ने समर्थकों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री के सामने सोयाबीन की कीमतों का मुद्दा उठाया और कहा कि किसानों को सोयाबीन पर भावांतर नहीं, बल्कि इसका भाव चाहिए. वहीं, प्रदर्शन के मामले में कांग्रेस नेता पर केस भी दर्ज किया गया.

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