गन्‍ने के FRP के मुकाबले इथेनॉल और चीनी का MSP बढ़ाने की मांग, ISMA ने सरकार को चेताया

गन्‍ने के FRP के मुकाबले इथेनॉल और चीनी का MSP बढ़ाने की मांग, ISMA ने सरकार को चेताया

भारतीय शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने सरकार से गन्ने के बढ़े FRP के अनुरूप ईथेनॉल और चीनी के MSP संशोधन की मांग की है. संगठन ने चेताया है कि मौजूदा असंतुलन से ईथेनॉल उत्पादन घाटे में जा रहा है और चीनी का अतिरिक्त भंडार बढ़ सकता है.

Advertisement
गन्‍ने के FRP के मुकाबले इथेनॉल और चीनी का MSP बढ़ाने की मांग, ISMA ने सरकार को चेतायाइथेनॉल उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका (सांकेतिक तस्‍वीर)

भारतीय शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने केंद्र सरकार से गन्‍ने के बढ़े हुए उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) के अनुरूप इथेनॉल और चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) में संशोधन की अपील की है. एसोसिएशन ने चेताया है कि वर्तमान असंतुलन के कारण ईथेनॉल उत्पादन लाभकारी नहीं रह गया है और चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ गया है. ISMA ने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी को लिखे पत्र में कहा कि 2022–23 से गन्‍ने का FRP लगभग 16.5% बढ़ गया है, जबकि ईथेनॉल खरीद मूल्य 2023-24 से नहीं बदला है.

इथेनॉल डायवर्जन पर पड़ रहा असर

एसोसिएशन ने बताया कि बी-हेवी मोलेसेस और शुगरकेन जूस से ईथेनॉल उत्पादन की लागत अब क्रमशः ₹66.09 और ₹70.70 प्रति लीटर हो गई है, जो वर्तमान खरीद दरों से कहीं अधिक है. ISMA ने स्पष्ट किया कि इस असंतुलन के कारण ईथेनॉल उत्पादन आर्थिक रूप से लाभकारी नहीं रह गया है, जिससे चीनी का ईथेनॉल में डायवर्जन कम हो रहा है और अतिरिक्त चीनी उत्पादन का खतरा बढ़ गया है.

चीनी का MSP बढ़ाने की मांग 

संगठन ने 2025-26 के चीनी सीजन में भारत में 349 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है. इसमें से लगभग 50 लाख टन चीनी ईथेनॉल उत्पादन के लिए डायवर्ट होने की संभावना है. अगर कीमतों में संशोधन नहीं किया गया तो यह डायवर्जन काफी कम हो सकता है. ISMA ने चीनी के MSP में भी वृद्धि की मांग की है. वर्तमान में 31 रुपये प्रति किलोग्राम पर निर्धारित MSP को बढ़ाकर 40.2 रुपये प्रति किलोग्राम करने का सुझाव दिया गया है, जो 2019 में अंतिम बार संशोधित किया गया था.

'MSP और FRP के बीच ऑटोमैटिक लिंकिंग की जरूरत'

एसोसिएशन ने तर्क दिया कि 2025-26 में चीनी उत्पादन की लागत लगभग 40.2 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो FRP 355 रुपये प्रति क्विंटल के आधार पर निकली है. इसके साथ ही MSP और FRP के बीच ऑटोमैटिक लिंकिंग की जरूरत भी बताई गई है, ताकि किसानों और मिल मालिकों दोनों को उचित लाभ सुनिश्चित किया जा सके.

20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति मांगी

इसके अलावा, ISMA ने सरकार से 2025-26 में लगभग 20 लाख टन चीनी का निर्यात करने की अनुमति मांगी है, ताकि अनुमानित अतिरिक्त उत्पादन को संभाला जा सके. ISMA के डायरेक्टर जनरल दीपक बल्लानी ने कहा कि ईथेनॉल और चीनी कीमतों का समय पर संशोधन 5.5 करोड़ गन्‍ना किसानों की आय सुनिश्चित करने, उद्योग की स्थिरता बनाए रखने और भारत के ईथेनॉल मिश्रण और ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने सरकार से शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया. (चेतन भूटानी की रिपोर्ट)

POST A COMMENT