दिवाली के त्योहार को देखते हुए महाराष्ट्र की अलग-अलग प्याज मंडियों को 11 दिनों के लिए बंद रखने का फैसला लिया गया है. इस फैसले को लेकर महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे किसानों के साथ किया गया अन्याय बताया है.
भरत दिघोले ने कहा, "किसान दिन-रात मेहनत कर प्याज उगाते हैं, और जब वे बेचने आते हैं तो मंडी उनके मुंह पर बंद होने का तमाचा मार देती है. यह अन्याय सालों से चल रहा है, जो अब बंद होना चाहिए." उन्होंने मंडियों के अनुशासन पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की.
दिघोले ने कहा कि मंडी समितियां किसानों की मेहनत और उपज पर चलती हैं, न कि किसी के निजी स्वामित्व में होती हैं. इसलिए नीलामी लंबे समय तक बंद करना अनुचित है और ऐसा कदम सिर्फ त्योहारों के मुख्य दिनों तक ही सीमित होना चाहिए. उन्होंने सरकार से मांग की कि जो मंडी समितियां किसानों को नुकसान पहुंचा रही हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
भरत दिघोले ने कहा कि किसान पहले ही कम दामों से परेशान हैं और मंडियां बंद होने के कारण, बाद में प्याज की अधिक आवक से दाम और गिर जाएंगे. उन्होंने चेताया कि यह स्थिति किसानों की आर्थिक हालत को और बिगाड़ सकती है. सरकार को चाहिए कि वह प्याज मंडी के संचालन और पारदर्शिता के लिए एक ठोस नीति बनाए.
लासलगांव कृषि उपज मंडी - 16 अक्टूबर 2025 रिपोर्ट
ग्रीष्मकालीन प्याज मूल्य (रु./क्विंटल):
किसानों के लिए जारी एक महत्वपूर्ण सूचना में कहा गया है कि कृषि उपज बेचने के बाद भुगतान तत्काल नकद में ही लें. कोई देरी या बकाया न स्वीकारें. यदि भुगतान संबंधी कोई शिकायत हो, तो 24 घंटे के भीतर मंडी कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराएं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today